करोड़ों की कोकीन तस्करी मामले में बोलीवियाई महिला को 12 साल की जेल

A Bolivian woman has been sentenced to 12 years in prison in a multi-million dollar cocaine trafficking case.
सांकेतिक फोटो REP
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता/बारासात:

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की बारासात अदालत ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के एक बड़े मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। ब्राजील से दुबई होते हुए भारत में करोड़ों रुपये की ड्रग्स पहुंचाने की कोशिश करने वाली एक विदेशी महिला को कोर्ट ने 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश देवज्योति मुखोपाध्याय ने 53 वर्षीया बोलीवियाई नागरिक येनी साउसिडो चाओ को नशीले पदार्थों की तस्करी का दोषी पाते हुए जेल के साथ-साथ भारी जुर्माने की भी सजा दी है।

क्या थी पूरी घटना?

यह मामला साल 2017 का है, जिसने उस वक्त कोलकाता और देश की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए थे। नवंबर 2017 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को एक बेहद गोपनीय और पुख्ता सूचना मिली थी कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह के जरिए भारी मात्रा में कोकीन की खेप कोलकाता पहुंचाई जा रही है। सूचना में एक विदेशी महिला का जिक्र था जो ब्राजील के साओ पाउलो से उड़ान भरकर दुबई के रास्ते कोलकाता पहुंचने वाली थी।

सूचना मिलते ही एनसीबी की टीम ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (दमदम एयरपोर्ट) पर जाल बिछाया। जैसे ही येनी साउसिडो चाओ एयरपोर्ट पर उतरी, अधिकारियों ने उसे संदेह के आधार पर हिरासत में ले लिया। जब उसके ट्रॉली बैग की सघन तलाशी ली गई, तो अधिकारियों की आंखें फटी रह गईं। बैग के भीतर गुप्त रूप से छिपाकर रखी गई लगभग 2 किलो 100 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाली कोकीन बरामद हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस खेप की अनुमानित कीमत करीब 11 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

8 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया

यह मामला बारासात अदालत के छठे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पिछले आठ वर्षों से विचाराधीन था। अभियोजन पक्ष ने मजबूती से दलीलें पेश कीं और यह साबित किया कि आरोपी महिला महज एक यात्री नहीं, बल्कि एक पेशेवर अंतरराष्ट्रीय तस्कर नेटवर्क का हिस्सा थी। यह भी सामने आया कि वह पहली बार कोलकाता आई थी और उसका एकमात्र उद्देश्य प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की तस्करी करना था।

अदालत का फैसला और सजा का विवरण

न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता और समाज पर इसके घातक प्रभाव को देखते हुए अभियुक्त को दो प्रमुख धाराओं—कोकीन रखने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी तस्करी करने—के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने निम्नलिखित सजाएं सुनाईं:

  1. कठोर कारावास: दोनों धाराओं के तहत आरोपी को 12-12 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, कोर्ट ने निर्देश दिया कि ये दोनों सजाएं एक साथ (Simultaneously) चलेंगी।

  2. आर्थिक दंड: सजा के साथ-साथ अभियुक्त पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे 5 महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के वकील कल्लोल सेन ने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 8 साल के लंबे इंतजार के बाद मिला यह न्याय ड्रग्स माफियाओं के लिए एक कड़ा संदेश है। उन्होंने कहा कि विदेशी तस्कर अक्सर भारत को एक सुरक्षित रूट या बाजार के रूप में देखते हैं, लेकिन इस तरह के फैसले साबित करते हैं कि भारतीय कानून व्यवस्था ऐसे अपराधियों के खिलाफ बेहद सख्त है। इस सजा से अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट के नेटवर्क पर गहरी चोट पहुंची है।

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