सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार एंटी-नारकोटिक्स फोर्स (एएनटीएफ) की 18वीं बैठक अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की पुलिस महानिरीक्षक सिंधु पिल्लई ए की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने एएनटीएफ के गठन के महत्व और अधिदेश तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में समन्वित तरीके से मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में सभी हितधारकों की भूमिका को दोहराया। इस संबंध में स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के सम्मेलन कक्ष में डॉ. सुजा एंटनी, सीएमओ (एनएफएसजी), स्वास्थ्य सेवा राज्य औषधि नियंत्रक की अध्यक्षता में अंडमान और निकोबार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों और अन्य स्थानीय खुदरा फार्मेसी मालिकों के साथ यूटी को नशा मुक्त बनाने के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और कम करने के उपायों के बारे में जागरुकता बैठक आयोजित की गई। अध्यक्ष ने एएनटीएफ की 18वीं बैठक में पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी) द्वारा उठाई गई विभिन्न चिंताओं पर चर्चा की, विशेष रूप से बिना वैध नुस्खे के टीबी विरोधी दवाओं सहित दवाओं की अनधिकृत बिक्री को रोकने के लिए ड्रग्स इंस्पेक्टरों द्वारा फार्मेसियों का औचक निरीक्षण करने पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उचित चिकित्सकीय देखरेख के बिना निजी दुकानों में एमटीपी (गर्भावस्था का चिकित्सा समापन) गोलियों की बिक्री माताओं के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इस दौरान जितेन्द्र कुमार मीना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) ने द्वीपों के युवाओं और आम जनता के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और कम करने के लिए सभी विभागों और निजी फार्मेसियों द्वारा संयुक्त प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने निजी फार्मेसी मालिकों और फार्मासिस्टों को निर्देश दिया कि वे अपने परिसर में या उसके आसपास होने वाली किसी भी संदिग्ध अवैध गतिविधि के बारे में तुरंत सीआईडी (नारकोटिक्स) को सूचित करें। उप निदेशक (चिकित्सा) डॉ. गणेश समादर ने अनधिकृत व्यक्ति द्वारा दवाओं की बिक्री, दवाओं के रिकॉर्ड जैसे कि अनुसूची एच और एच1 दवाओं के रजिस्टर के साथ पर्चे की प्रतियों का अनुचित प्रबंधन, खांसी की दवा, अल्प्राजोलम, नाइट्राजेपाम, क्लोनाजेपाम, डायजेपाम आदि सहित शामक दवाओं की बिक्री और एक ही पर्चे के आधार पर दवाओं के बार-बार वितरण पर चिंता जतायी।