जीडीपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी रहना उत्साहजनक, सुधारों को आगे बढ़ाते रहेंगे: पीएम मोदी

भारत की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत रही है जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है।
जीडीपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी रहना उत्साहजनक, सुधारों को आगे बढ़ाते रहेंगे: पीएम मोदी
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता को बताती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सुधारों को आगे बढ़ाना जारी रखेगी।

विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में अच्छी वृद्धि के दम पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत रही है जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है।

जीडीपी वृद्धि हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता का फल

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर बहुत उत्साहजनक है। यह हमारी वृद्धि-समर्थक नीतियों और सुधारों के प्रभाव को बताती है। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता को भी दर्शाती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाती रहेगी और प्रत्येक नागरिक के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए काम करती रहेगी।’’

विकसित भारत के लिए लोगों के बीच एकता जरूरी

वहीं पणजी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विकसित भारत के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए लोगों के बीच एकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत आज सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अनुभव कर रहा है।

श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ के 550 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोहों के तहत गोवा में भगवान राम की 77 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जब समाज एकजुट होता है, जब प्रत्येक क्षेत्र एक साथ खड़ा होता है, तो देश बड़ी छलांग लगाता है।’’

भारत कर रहा एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अनुभव

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अनुभव कर रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का जीर्णोद्धार, काशी विश्वनाथ धाम का व्यापक जीर्णोद्धार और उज्जैन में महाकाल महालोक का विस्तार, ये सभी देश की नयी चेतना और इसकी आध्यात्मिक विरासत के सशक्त पुनरुत्थान के उदाहरण हैं।’’

उन्होंने कहा कि अनेक कठिन परिस्थितियों के बावजूद गोवा ने न केवल अपनी मूल संस्कृति को बरकरार रखा है, बल्कि समय के साथ इसे पुनर्जीवित भी किया है। मोदी ने कहा कि ऐसे समय भी आए जब गोवा के मंदिरों और स्थानीय परंपराओं को भाषा और सांस्कृतिक पहचान पर दबाव के कारण संकट का सामना करना पड़ा, लेकिन ये परिस्थितियां समाज की आत्मा को कमजोर नहीं कर सकीं, बल्कि उन्होंने इसे और भी दृढ़ बनाया। उन्होंने कहा कि यह गोवा की अनूठी विशेषता है कि इसकी संस्कृति ने हर बदलाव में अपने मूल स्वरूप को बरकरार रखा है और समय के साथ ये पुनर्जीवित भी हुई है।

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