काम की तलाश में भारत आए 31 बांग्लादेशी नागरिक गेदे चेकपोस्ट से स्वदेश लौटे

बीएसएफ ने फ्लैग मीटिंग के जरिए बीजीबी को सौंपा, परिवारों से संपर्क कर घर भेजा जाएगा
31 Bangladeshi nationals who came to India in search of work returned home through Gede checkpost
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

नदिया: भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित गेदे चेकपोस्ट एक बार फिर अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए बांग्लादेशी नागरिकों की वापसी का साक्षी बना। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मानवीय आधार पर और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, 31 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश के सीमा रक्षक बल (बीजीबी) को सौंप दिया है। इन नागरिकों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल थे, जिन्हें भारत में अवैध रूप से निवास करने और काम करने के आरोप में पकड़ा गया था।

संयुक्त फ्लैग मीटिंग के बाद हुई वापसी

यह हस्तांतरण प्रक्रिया बीएसएफ और बीजीबी के अधिकारियों के बीच एक संयुक्त फ्लैग मीटिंग के माध्यम से पूरी की गई। इस मीटिंग में दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने समन्वय स्थापित किया और आवश्यक दस्तावेजीकरण के साथ नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई को अंजाम दिया।

बीएसएफ की 32वीं बटालियन के गेदे कैंप कमांडर ने बांग्लादेश की 6वीं बीजीबी बटालियन के दर्शन आई.सी.पी. (इमिग्रेशन चेक पोस्ट) कमांडर को फोन पर इस संबंध में सूचना दी। सौंपे गए 31 नागरिकों का विवरण भी बीजीबी को प्रदान किया गया, जिसमें 16 पुरुष, 10 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे। बीएसएफ ने पकड़े गए व्यक्तियों के नाम, पते और मोबाइल नंबर भी बीजीबी अधिकारियों को दिए।

वापस लौटे नागरिकों का दर्द

स्वदेश लौटे नागरिकों ने मीडिया को बताया कि वे बेहतर आजीविका की तलाश में दलालों के माध्यम से सीमा पार करके अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत के बड़े शहरों, विशेष रूप से मुंबई में जाकर मजदूरी और अन्य काम करके अपना जीवन-यापन करना था। हालांकि, भारत में विभिन्न पुलिस अभियानों के दौरान उन्हें पकड़ लिया गया और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा। जेल की सजा पूरी करने के बाद, उन्हें आधिकारिक प्रक्रिया के तहत गेदे चेकपोस्ट के माध्यम से उनके वतन वापस भेजा गया।

आगे की कार्यवाही

बांग्लादेश की ओर, दर्शना थाना प्रभारी (ओ.सी.) शहीद तितुमिर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बीजीबी से इन नागरिकों को प्राप्त करने के बाद, स्थानीय पुलिस इनकी पहचान और पते की पुष्टि करेगी। इसके बाद इन सभी व्यक्तियों के परिवारों से संपर्क स्थापित कर उन्हें उनके घर तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे अपने सामान्य जीवन में लौट सकें।

इस तरह की वापसी दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन और मानवीय सहयोग को दर्शाती है, जबकि यह घटना एक बार फिर अवैध प्रवासन और मानव तस्करी के जोखिमों को उजागर करती है।

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