संजीव, सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल एवं द्वीप विकास एजेंसी के उपाध्यक्ष, एडमिरल डी.के. जोशी (सेवानिवृत्त) ने हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में आयोजित पर्यटन सम्मेलन में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ‘वन स्टेट वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ की दृष्टि के तहत की। उपराज्यपाल ने अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में कोविड के बाद पर्यटन में आयी तेजी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2022 के बाद घरेलू पर्यटकों की संख्या लगभग 200 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 157 प्रतिशत तक बढ़ी है। अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह को भारतीय महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्कूबा डाइविंग केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से प्रशासन तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की दिशा में अग्रसर है। विशिष्ट डाइविंग सर्किट ‘बटन’ द्वीपों, बेरन द्वीप (दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी) और स्वराज द्वीप के स्वच्छ समुद्र तटों के आसपास विकसित किए जाएंगे। उपराज्यपाल ने हेरिटेज टूरिज्म सर्किट के तहत राष्ट्रीय स्मारक स्थलों जैसे सेल्युलर जेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, वाइपर द्वीप, चाथम द्वीप और मणिपुर पर्वत को विश्वस्तरीय मानकों पर विकसित करने की योजना से भी अवगत कराया। इसमें जन-निजी भागीदारी मोड में वित्त पोषण और वैश्विक परामर्श सहायता का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि प्रधान परियोजनाओं जैसे पाँच सितारा ईको-रिसॉर्ट, ग्रेट निकोबार और श्री विजयपुरम में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, सी-प्लेन संचालन, क्रूज पर्यटन, आधुनिक हेलिकॉप्टर बेड़ा तथा नए जहाजों की खरीद से सतत और विश्वस्तरीय पर्यटन का नया युग आरंभ होगा।