विधानसभा में सशस्त्र बलों को सैल्यूट करने का प्रस्ताव 10 जून को

विधानसभा का मानसून सत्र 9 जून से शुरू होकर 2 सप्ताह तक चलेगा
विधानसभा में सशस्त्र बलों को सैल्यूट करने का  प्रस्ताव 10 जून को
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र 9 जून सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में कई बिल तथा प्रस्ताव पेश किये जाएंगे। इनमें से एक प्रस्ताव सशस्त्र बलों की तारीफ करते हुए उन्हें सैल्यूट करने के लिए 10 जून को पेश किया जायेगा। इसमें पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचे पर सटीक हवाई हमलों के लिए सशस्त्र बलों की तारीफ की जाएगी। यह प्रस्ताव विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी द्वारा पेश किया जाएगा। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी भी उपस्थित रह सकती हैं। प्रस्ताव पर दो घंटे चर्चा होगी। प्रस्ताव में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा भी की जाएगी। बता दें कि इस हमले में 26 लोगों की जानें चली गई थीं। इनमें से 3 लोग बंगाल से थे। हालांकि, प्रस्ताव के पाठ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। गुरुवार को विधानसभा में ऑल पार्टी मीटिंग तथा बीए कमेटी की मीटिंग हुई। हालांकि ऑल पार्टी मीटिंग में भाजपा से कोई शामिल नहीं हुआ। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा कि ऑल पार्टी में विपक्ष से कोई नहीं आया केवल नौसाद सिद्दीकी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे मीडिया के माध्यम से विपक्ष से सहयोग का अनुरोध करेंगे। सत्ता पक्ष से जो हैं उनसे भी सहयोग की कामना करता हूं। यह काफी महत्वपूर्ण अधिवेशन है। जम्मू कश्मीर की घटना को लेकर एक प्रस्ताव आयेगा। इसके अलावा दो प्रस्ताव आयेंगे। गंगा कटाव तथा पानी की समस्या को लेकर कई रिपोर्ट जमा हुई हैं। दो प्रस्ताव पर 11 और 12 जून को पेश किये जाएंगे। अगली बीए कमेटी की बैठक अगले बुधवार को होगी। कई अहम बिल भी आ रहे हैं।

विधानसभा को कोई अचल नहीं कर सकता

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एसएससी मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए विधानसभा को अचल करने की भी चेतावनी दी थी। इस सवाल पर स्पीकर ने कहा कि विधानसभा को कोई अचल नहीं कर सकता है। कोई इस तरह की बातें करता है तो वह परिषदीय गणतंत्र की अवहेलना करता है। विधानसभा की कार्सयवाही सुचारु रहेगी। विधानसभा के बाहर बहुत से लोग बहुत कुछ कहते हैं मगर सदन में जब आते हैं तो हर कोई शब्दों की सीमा में रहेगा। सौजन्यता बनाये रखेंगे। स्पीकर ने कहा कि सत्ता पक्ष तथा विपक्ष दोनों से आवेदन है कि सदन को शांतिूपर्ण चलने देने में सहयोग करें। लोकसभा और विधानसभा में गहमागहमी ताे रहेगी ही लेकिन कार्यवाही बाधित नहीं होगी। कोई भी इसे बाधित नहीं कर सकता। मुझे उम्मीद है कि सदन में ऐसा कोई व्यवहार नहीं होगा जिससे समस्या पैदा हो।

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