
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा से केंद्र पर निशाना साधा। सेना के शौर्य पर धन्यवाद देने के लिए लाये गये विशेष प्रस्ताव में वक्तव्य रखते हुए सीएम ने कहा कि केंद्र की लापरवाही के कारण 26 लोगों की जान चली गयी। नेशनल इंटरनेशनल इंटेलिजेंस सभी फेल्यर रही। भाजपा नीत केंद्र सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह देश के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर चुनावों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों की वीरता को राजनीतिक रंग देने का भी आरोप लगाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलवामा हमले का मुद्दा उठाते हुए भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, चुनाव नजदीक आते ही पुलवामा जैसा नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। यह हमला कैसे हुआ? इस सवाल का जवाब मांगने में केंद्र पर लापरवाही का आरोप कुछ लोगों ने लगाया। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सवाल किया कि पहलगाम में पर्यटकों के लिए सुरक्षा क्यों नहीं है। उन्होंने कहा, सैनिकों के सम्मान और मातृभूमि के सम्मान के साथ मैं कहूंगी कि केंद्र सरकार को और मजबूत होना चाहिए था। उन्होंने आतंकवादी हमले के स्थल पर सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। बता दें कि गत 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। मुख्यमंत्री 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना करने वाला प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित किए जाने के दौरान सदस्यों को संबोधित कर रही थीं। हालांकि पेश किए गए प्रस्ताव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का कहीं उल्लेख नहीं किया गया।
पीओके को लेने का था मौका
भारत की सैन्य कार्रवाई की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें (पाकिस्तान को) सबक सिखाने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के पास पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) को नियंत्रण में लेने का अवसर था। उनका मानना है कि इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लाने का मौका था। उन्होंने कहा कि सेना के प्रति पूरे सम्मान के साथ मैं कहूंगी कि केंद्र सरकार को और मजबूत होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमारे बीच कोई खाई नहीं है तो जो बाहरी ताकतों को प्रवेश करने का मौका दे रही है? उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं। इसका कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता। पर्यटकों की हत्या की गई है। केवल संवेदना व्यक्त करने से मामला खत्म नहीं हो सकता। मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने मांग की कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।
पीएम केवल प्रचार में व्यस्त
तृणमूल सुप्रीमो ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री मोदी केवल अपना प्रचार करने में व्यस्त हैं। सिर्फ और सिर्फ अपना प्रचार करते हैं। आपको सदन में कैफियत देनी चाहिए। 365 दिन में 363 दिन विदेश में रहते हैं। आपको खुद डेलिगेशन में जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि आखिर अब तक क्यों घटनास्थल (पहलगाम) नहीं गये। जो काम आपको करना चाहिए था वो विपक्ष ने किया। उन्होंने विपक्षी डेलिगेशन को धन्यवाद दिया है।