

सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : सीएम ममता बनर्जी अपने उत्तर बंगाल दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को प्रशासनिक कार्यक्रम से कई अहम घोषणाएं की। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र की वित्तीय सहायता से वंचित होने के बावजूद राज्य सरकार उत्तर बंगाल में विकास कार्य कर रही है। तृणमूल सरकार के आने के बाद उत्तर बंगाल में कई काम हुए हैं। भाजपा ने कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लंबे समय से राज्य में कई परियोजनाओं के लिए धनराशि रोक दी है। राज्य अपने खर्च पर इन परियोजनाओं को चला रही है। केंद्रीय सहायता से वंचित होने के बावजूद उत्तर बंगाल में विकास कार्यों में तेजी आयी है। सिलीगुड़ी के डाबग्राम में स्थित वीडियोकॉन ग्राउंड के कार्यक्रम से उन्होंने जहां केंद्र सरकार की आलोचना की, वहीं विपक्ष को भी अपने विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कड़ा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कोई जादूगर नहीं हूं। मुझे केन्द्र सरकार से कोई बकाया राशि नहीं मिली है। वे लोग जीएसटी लेकर चले गए, पैसा भी ठीक से नहीं चुकाया जाता। फिर भी विकास कार्य जारी है। चुनाव से पहले एक भाजपा नेता ने कहा था कि चाय बागान खोले जाएंगे। एक भी नहीं खुल सका, मगर हमने खोल दिया है। आपको शर्म आनी चाहिए। मुझे मानवता सिखाने से पहले, खुद इंसान बनें। सिर्फ डिग्री होना ही पर्याप्त नहीं है। यह तभी सफल होगा जब इसका उपयोग मानवीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
2 लाख लोगों को सरकारी सेवाएं प्रदान की गयीं
सरकारी सेवा वितरण कार्यक्रमों में सीएम ममता ने लगभग 2 लाख लोगों को सरकारी सेवाएं प्रदान की। तीन जिलों में कुल 365 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनकी कुल लागत 250 करोड़ 54 लाख 32 हजार रुपये है। इसके साथ ही उन्होंने लगभग 189 करोड़ 42 लाख 52 हजार रुपये की लागत वाली 134 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक में उत्कृष्टता केंद्र के लिए 4 करोड़ रुपये भी आवंटित किये गये हैं। वहीं बांग्लार बाड़ी में 12 लाख लाभार्थियों को दूसरी किस्त और बांग्ला फसल बीमा के तहत एक लाख किसानों को 158 करोड़ रुपये जारी किये गये। उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि राज्य हर चीज में आगे बढ़ रहा है, भले ही ग्रामीण सड़क योजना, आवास योजना और 100 दिन के काम सहित कई परियोजनाओं के लिए धनराशि रोक दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल देश को रास्ता दिखा रहा है और भविष्य में भी वह देश में आगे बढ़ता रहेगा।