कैदियों की रिहाई को लेकर भी नवान्न और राज्यपाल में विवाद

कैदियों की रिहाई को लेकर भी नवान्न और राज्यपाल में विवाद
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फाइल पर राज्यपाल ने नहीं किये हैं हस्ताक्षर
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अब केवल 10 दिन ही बचे हैं और उसके बाद स्वाधीनता दिवस मनाया जायेगा। प्रत्येक वर्ष ही स्वाधीनता दिवस पर कुछ कैदियों की रिहाई की जाती है। नियमों के अनुसार, किन कैदियों को रिहा किया जायेगा, उनकी सूची राज्य सरकार को राजभवन में भेजनी होती है। सूत्रों के अनुसार, नवान्न से भेजी गयी कैदियों की सूची को लेकर राज्यपाल ने आपत्ति जाहिर की है। अब भी इस फाइल पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इस कारण स्वाधीनता दिवस के दिन कैदियों की रिहाई को लेकर जटिलता की स्थिति बन गयी है। हालांकि इस विषय पर अब तक राज्य की ओर से कुछ निर्दिष्ट नहीं बताया गया है। राज्य के कारा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सजा की मियाद कैदियों के आचरण समेत अन्य विषयों पर निर्भर करती है और इसी आधार पर प्रत्येक साल स्वाधीनता दिवस पर कुछ कैदियों को रिहा किया जाता है। हालांकि इसमें राज्यपाल की अनुमति आवश्यक होती है।

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