Somvar को क्यों होती है भोलेनाथ की पूजा? जानिए वजह | Sanmarg

Somvar को क्यों होती है भोलेनाथ की पूजा? जानिए वजह

कोलकाता : शिव भक्तों के लिए सोमवार (Monday) का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भक्त शिव मंदिर में दूध, बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाते हैं। कई लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को व्रत रखते हैं। मान्यता है कि सोमवार का व्रत रखने से भक्तों के कष्ठ दूर होते है व सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोमवार को भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा अर्चना क्यों की जाती है। अगर नहीं, तो आइए हम बताते हैं सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से क्या लाभ होता है।

सोमवार को ही भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा अर्चना क्यों की जाती है ? 

पुरातन काल से लोग भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करते आ रहे हैं। शास्त्रों में जो व्यक्ति सोमवार को व्रत रखता है उसे सोमेश्वर कहा जाता है। इस शब्द के दो अर्थ है। पहला सोम यानी चंद्रमा है इसका मतलब है कि चंद्रमा को अपना ईश्वर मानकर उनकी व्रत और पूजा करना है। दूसरा अर्थ वह देव, जिसे सोमनाथ ने भी अपना भगवान माना है। वह देवता भगवान शिव हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन को भगवान सोमनाथ ने शिव जी की पूजा अर्चना की थी। जिसके फल स्वरूप सोमनाथ निरोगी हो कर फिर से अपने सौंदर्य को पाया था। इसके बाद भगवान शिव ने दूज यानी द्वितीया तिथि को चंद्रमा को अपनी जटाओं में धारण किया। इसके बाद से पुरातन काल से सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन चंद्र देव की आरधना करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। ज्योतिष विद्या में चंद्रमा को मन का स्वामी माना जाता है। सोम का अर्थ सौम्य भी होता है। इसलिए भगवान भोलेनाथ को शांत देवता माना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि सोम में ऊं है और भोलनाथ को ऊं स्वरूप भी माना जाता है। सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है।

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