“राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षकों को रहना होगा तैयार” | Sanmarg

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षकों को रहना होगा तैयार”

कोलकाता : जॉब्स इन एजुकेशन और अगोरेए द्वारा मीट एंड ग्रीट ‘एनसीएफ इंप्लीमेंटेशन अंडर एनईपी 2020’ का आयोजन किया गया। इस मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम को सीबीएसई के पूर्व निदेशक डॉ जी बालासुब्रमण्यन द्वारा संबोधित किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आए परिवर्तन के लिए स्कूल्स में बच्चों को क्या पढ़ाना है, कैसे भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करना है, इसके बारे में चर्चा की गई। मौके पर कोलकाता के स्कूल्स के शिक्षक और प्रधानाध्यापक उपस्थित थे। इस खास मौके पर बाला सुब्रमण्यम ने सन्मार्ग से कहा कि आज के समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो परिवर्तन आया है और आगे भी आता रहेगा, ऐसे में इस परिवर्तन के लिए शिक्षकों को भी तैयार रहना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक आई चुनौतियों के लिए बच्चों में किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इस नीति के मुताबिक इंडिया सेन्ट्रिक विजन को बच्चों के संपर्क में लाना है। इसके लिए शिक्षक को भी रोजाना पढ़ने की आवश्यकता है। ​शिक्षकों को क्लासरूम के अंदर बच्चों को आजादी देनी चाहिए और अनौपचारिक शिक्षा को क्लासरूम में लाना चाहिए, तभी बच्चों को किताबी दुनिया से बाहर व्यावहारिक तथा अनौपचारिक शिक्षा का ज्ञान मिलेगा। जॉब्स इन एजुकेशन के सीईओ शिवम अग्रवाल ने कहा कि पिछले 3-4 सालों में हमनें देखा है कि कोलकाता में स्टार्ट-अप ​सिस्टम ज्यादा मजबूत नहीं है। अब क्योंकि हम एजुकेशन लाइन से जुड़े हैं तो हमें पता है कि एजुकेशन में क्या-क्या दिक्कतें हैं, इसलिए हमने एजुकेशन से जुड़ी सारी समस्याओं के लिए जॉब्स इन एजुकेशन शुरू किया। हमारा उद्देश्य इस कार्यक्रम द्वारा जॉब्स इन एजुकेशन एप की जानकारी लोगों तक पहुंचाना था। यह प्लेटफाॅर्म सिर्फ एजुकेशन के लिए ही बनाया गया है। सीओओ हर्षित चोखानी ने कहा कि जिस हिसाब से शिक्षा क्षेत्र में अकादमिक सिस्टम को उबाऊ बना दिया गया है इसे रोमांचक बनाने के लिए आज के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हम शिक्षा जगत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ये दो अलग-अलग प्रोडक्ट जॉब्स इन एजुकेशन और अगोरेए को एक साथ लाना हमारा उद्देश्य है।

Visited 344 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर