Parliament Monsoon Session : मैं शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता … धनखड़ की इस बात पर …

Parliament Monsoon Session : मैं शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता … धनखड़ की इस बात पर …
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नई दिल्लीः मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के कारण राज्यसभा में जारी गतिरोध के बीच सदन में उस समय हंसी की लहर दौड़ गयी जब सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि वह 45 वर्ष से अधिक समय से विवाहित हैं और वह कभी गुस्सा नहीं होते। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आसन की अनुमति से अपनी बात रखते हुए कहा कि कल सभापति के साथ मुलाकात में उन्होंने मणिपुर संबंधी कार्यस्थगन नोटिस पर चर्चा कराने की विनती की थी किंतु 'आप (धनखड़) जरा गुस्से में थे।'

राज्यसभा के उपसाभपति ने खड़गे को टोका

इस पर सभापति ने खरगे को टोकते हुए कहा, 'मैं 45 वर्ष से अधिक समय से विवाहित व्यक्ति हूं, मैं कभी गुस्सा नहीं करता।' उनकी इस बात पर सदन में हंसी की लहर दौड़ गई। धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम एक प्रख्यात वरिष्ठ वकील हैं और वह जानते हैं, 'एक वरिष्ठ वकील के रूप में हमें गुस्सा करने का कोई अधिकार नहीं है, कम से कम प्राधिकार के समक्ष तथा आप (नेता प्रतिपक्ष खड़गे) एक प्राधिकार हैं…मैं कभी गुस्सा नहीं करता।'

फिर खड़गे की बात पर धनखड़ हंसे

सभापति ने खड़गे से कहा कि वह अपनी बात में सुधार कर लें। इस पर खड़गे ने कहा, 'आप गुस्सा नहीं करते, आप (गुस्सा) दिखाते नहीं लेकिन बराबर अंदर से करते हैं।' खड़गे की इस बात पर न केवल सभी सदस्य बल्कि सभापति धनखड़ भी खिलखिला कर हंसने लगे।

मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में गतिरोध बरकरार

वहीं मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर चर्चा को लेकर अपने नोटिस के स्वीकार नहीं किए जाने पर बृहस्पतिवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से बहिर्गमन किया विपक्षी सदस्यों ने सूचीबद्ध कामकाज को स्थगित कर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए नोटिस दिए थे। उच्च सदन की सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग के लिए नियम 267 के तहत 37 नोटिस मिले हैं जबकि एक नोटिस मणिपुर और हरियाणा में हिंसा को लेकर और एक महिला आरक्षण को लेकर है। सभापति ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने पहले ही व्यवस्था दी थी और सरकार भी चर्चा के लिए तैयार थी।

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