सावन 2023 पहले दिन का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:07 AM – 04:48 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:58 AM – 12:53 PM
गोधूलि मुहूर्त- 07:22 PM- 07:42 PM
शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त – शाम 05.29 – रात 08.39
कोलकाता : शिव शंभू का पावन महीना सावन आज से यानी 4 जुलाई 2023 मंगलवार से शुरू हो गया है। सावन के पहले दिन इस साल का पहला मंगला गौरी व्रत भी है, जो माता पार्वती को समर्पित है। सावन के पूरे महीने शिव की आराधना श्रेष्ठ मानी जाती है। सावन सोमवार के दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। सावन, चातुर्मास का पहला महीना कहलाता है। देवशयनी एकादशी के बाद जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब सृष्टि का संचालन भोलेनाथ करते हैं। जानते हैं साल 2023 में सावन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी।
सावन 2023 कब से कब तक
साल 2023 में सावन का महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक चलेगा। इस बार सावन 59 दिनों का है, क्योंकि इस दौरान अधिकमास भी रहेगा। सावन में अधिकमास की शुरुआत 18 जुलाई 2023 से होगी और 16 अगस्त 2023 को इसकी समाप्ति होगी। ऐसे में शिव भक्तों के लिए सावन बहुत खास होने वाला है।
19 साल बाद सावन में दुलर्भ संयोग
19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है कि श्रावण में अधिकमास होने के कारण 8 सावन सोमवार व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत आएंगे। मान्यता है कि श्रावण के हर सोमवार पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने पर तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है।
सावन का महत्व
सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव जी की पूजा सबसे अधिक की जाती है। ये पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है। ऐसा कहते हैं कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी। तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया। यही वजह है कि सावन में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है। सावन में सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि आदि कई महत्वपूर्ण तिथियों पर शिव पूजा उत्तम फलदायी मानी गई है।
कई शुभ योग में होगी सावन की शुरुआत
सावन की शुरुआत बहुत शुभ संयोग में हो रही है। सावन के पहले दिन 4 जुलाई को बुधादित्य योग, वाशी योग, सुनफा योग, एन्द्र योग जैसे शुभ योगों का संयोग बन रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग साल 2004 में बना था और अब 2023 में भी ऐसा ही संयोग बना है।
19 साल बाद सावन में अद्भुत संयोग
पूरे 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है जिसमें, सावन पूरे 59 दिनों का होगा। साल 2023 में सावन महीने के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए इन 2 महीनों में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव के साथ श्रीहरि विष्णु जी की भी जमकर कृपा बरसेगी।
शिव जी को क्यों प्रिय है सावन
पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन में कठोर तप किए। इसके बाद प्रसन्न होकर शिव ने पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। सावन में ही महीने में समुद्र मंथन के दौरान शिव जी ने विष पी लिया था, विष के प्रभाव को कम करने के लिए भोलेनाथ पर निरंतर जल डाला गया। इससे उनकी असहजता दूर हुई। यही वजह है कि सावन में जलाभिषेक करने से हर कष्ट दूर हो जाते हैं।
सावन पूजा सामग्री
सावन में शिव पूजा के लिए गंगाजल, जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, जनेऊ, वस्त्र, चंदन, रोली, अक्षत, बेलपत्र, फल, विजया, आक, धतूरा, कमल गहा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंच मेवा, धूप, दीप, गुलाल, अबीर, इत्र कपूर आदि का उपयोग करें।
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