कोलकाता : सावन का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 को है। इस दिन सुकर्मा योग, रेवती नक्षत्र, श्रावण कृष्ण अष्टमी तिथि और शिववास है। इस साल श्रावण मास में कुल 8 सावन सोमवार व्रत हैं। 4 सावन सोमवार और 4 सावन अधिक सोमवार व्रत। सावन सोमवार व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से की जाती है, जिनको मनचाहे जीवनसाथी की कामना होती है, वे सावन सोमवार व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से सुख, समृद्धि और उन्नति की मनोकामना भी पूर्ण होती है। सावन सोमवार व्रत के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। यदि आप उन नियमों को नहीं मनाते हैं तो आपका व्रत निष्फल भी हो सकता है।
सावन सोमवार व्रत में क्या न करें
1. यदि आप सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो आपको फलाहार में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य कारणों से बहुत जरुरी है तो सेंधा नमक खा सकते हैं।
2. सावन में शिवजी का कच्चे दूध से अभिषेक किया जाता है, इसलिए सावन सोमवार रखने वाले को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।3. सावन सोमवार की पूजा और व्रत में तामसिक वस्तुओं का उपयोग न करें। लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, मसालेदार भोजन, बैंगन, मैदा, आटा, बेसन, सत्तू आदि से बनी खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें।
4. सावन सोमवार व्रत में काम, क्रोध, लोभ जैसे दुर्गुणों से दूर रहें। कोई भी व्रत मन, कर्म और वचन की पवित्रता के साथ करने से ही फलित होता है। मन में द्वेष, क्रोध, चोरी, छल-कपट आदि की भावनाएं रखकर पूजा पाठ नहीं करना चाहिए।
5. शिव पूजा में जिन वस्तुओं को वर्जित किया गया है, उनका उपयोग भूलवश भी न करें। शिव पूजा में तुलसी के पत्ते, सिंदूर, हल्दी, शंख, नारियल आदि जैसी वस्तुओं का उपयोग वर्जित है।
सावन का पहला सोमवार 2023 पूजा मुहूर्त
भगवान शिव की पूजा आप प्रात:काल से ही कर सकते हैं। सावन के पहले सोमवार को अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 05 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 14 मिनट तक है। इसके अलावा शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08 बजकर 58 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक है।
पहले सावन सोमवार पर रुद्राभिषेक का संयोग
10 जुलाई को सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का संयोग बना है। रुद्राभिषेक तब करते हैं, जब शिववास होता है। शिववास भी माता गौरी, नंदी के साथ या कैलाश पर होना चाहिए। पहले सावन सोमवार को रुद्राभिषेक सुबह से शाम 06 बजकर 43 मिनट के मध्य तक कर सकते हैं।