कोलकाता : किसी को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करना या घर में आए अतिथि को आदर-सत्कार करना हिंदू धर्म और भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन भोजन को लेकर धर्म-शास्त्रों में नियम बताए गए हैं। इसमें भोजन पकाने से लेकर खाने तक के नियम शामिल हैं। साथ ही बताया गया है कि कैसा भोजन करना धर्म के अनुसार उचित है और कौनसा भोजन करना अनुचित है। पुराण के अनुसार कुछ लोगों के घर में भोजन करना आपको पाप का भागीदार बनाता है। ऐसी जगहों पर भोजन करने से व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है, वह गरीब हो जाता है।
क्रोधी व्यक्ति: कभी भी गुस्सैल आदमी के घर भोजन ना करें। ऐसे स्वभाव के चलते माहौल में नकारात्मकता रहती है और उसका असर आप पर, भोजन पर भी पड़ता है। बेहतर होगा कि ऐसे व्यक्ति की संगति से भी बचें।
चोर या धोखेबाज व्यक्ति के घर: कभी भी किसी चोर या अपराधी व्यक्ति के घर पर भोजन ना करें। गलत तरीके से धन अर्जित करने वाले व्यक्ति के घर का खाना खाने से उसके पापों का असर आप पर भी हो सकता है। ऐसा भोजन आपकी बुद्धि भ्रष्ट कर सकता है। आपको कंगाल कर सकता है।
किन्नरों के घर: हिंदू धर्म में किन्नरों को दान देना बहुत शुभ माना गया है, लेकिन उनके घर का कुछ खाना नहीं चाहिए।
संक्रमण फैलने वाली जगहें: कभी भी ऐसे स्थान पर भोजन नहीं करना चाहिए, जहां गंदगी हो या किसी तरह का संक्रमण फैलने का खतरा है, जैसे-हॉस्पिटल, गंभीर रोगी के आसपास की जगह आदि।
नशे के कारोबार से जुड़े लोग: ऐसे लोग जो नशे के कारोबार से जुड़े हों, उनके घर कभी कुछ नहीं खाना चाहिए। ऐसे लोग दूसरों के परिवार को संकट में लाकर धन कमाते हैं। ऐसे लोगों के घर का पानी भी पीना पाप का भागीदार बनाता है।