‘अगर समय पर कार की स्टीयरिंग नहीं घुमायी होती तो पहले मेरी कार को बस ने कुचला होता’

‘अगर समय पर कार की स्टीयरिंग नहीं घुमायी होती तो पहले मेरी कार को बस ने कुचला होता’
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शिवशंकर राठी के भांजे ने बतायी घटना के पहले की दास्तां
राठी परिवार के तीन सदस्यों की मौत से इलाके में शौक का माहौल व्याप्त
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सोमवार की सुबह लेकटाउन में एक तेज रफ्तार बस ने राठी परिवार की कार को टक्कर मार दी। हादसे में कार में सवार शिव शंकर राठी, कमला राठी और श्रीवत्स राठी की मौत हो गयी थी। राठी परिवार की कार को कुचलने से पहले घातक बस ड्राइवर ने उनके पीछे आ रहे उनके रिश्तेदार की कार को भी टक्कर मारने की कोशिश की थी लेकिन सही समय पर कार चला रहे युवक ने स्टीयर‌िंग घुमायी और वे लोग बच गए। बेलियाघाटा के रहनेवाले ऋषभ कोठारी अभी भी सोमवार की सुबह वीआईपी रोड पर घातक बस की स्पीड को याद कर सहम उठ रहे हैं। श‌िवशंकर राठी के बेटी की विदायी के बाद ऋषभ अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को लेकर अपनी कार में वापस घर लौट रहे थे। ऋषभ ने बताया कि बेटी की विदायी के बाद वे सभी रिश्तेदारों को विदा कर रहे थे। बैंक्वेट हॉल से सबसे अंत में वह और श‌िवशंकर राठी अलग-अलग कार में निकले थे। उनकी कार के आगे शिवशंकर की कार थी।
पागलों की तरह 100 से 120 की गति में बस चला रहा था अभियुक्त
शिवशंकर के भांजे ऋषभ कोठारी ने बताया कि सोमवार की सुबह केष्टोपुर और दमदम पार्क के बीच घातक बस ने जब उनकी कार को पार किया उस वक्त उसकी गति 100 से 120 थी। बस सड़क की दोनों तरफ लहरा थी। देखकर समझ आ रहा था कि कोई नशे में धूत पागल व्यक्ति बस को चला रहा है। बस ने सग्निल तोड़ा तो मुझे कार को दाहिने तरफ मोड़ना पड़ा नहीं तो पहले उसने मेरी कार को कुचला होता। बस के आगे जाने पर मैंने थोड़ी देर के लिए अपनी कार रोक दी। मुझे लग रहा था कि आज यह बस किसी को टक्कर मारेगी। उन्होंने बताया कि जब वह अपनी कार को लेकर लेकटाउन क्रॉसिंग से आगे बढ़े तो देखा कि कुछ बाइक सवार सड़क किनारे खड़े हो रहे हैं। उन्हें लगा कि घातक बस ड्राइवर ने किसी को टक्करा मारी है लेकिन यह नहीं पता चला कि उनके मामा की कार ही दुर्घटनाग्रस्त हुई है। सड़क किनारे अंधेरा होने के कारण और ड्राइविंग करने के कारण उनका ध्यान दुर्घटना वाली जगह पर नहीं गया। उन्होंने बताया कि घातक बस ने जब उनके मामा की कार को टक्कर मारी तो उसका नंबर प्लेट सड़क पर गिर गया था। वह जब वहां से गुजरे तो बस का नंबर प्लेट उनकी कार के पहिये में फंसा था। थोड़ी दूर आगे जाने पर उन्होंने देखा कि घातक बस ड्राइवर ने उनकी आंखों के सामने सड़क किनारे खड़े ट्रक को टक्कर मार दी। घटना के बाद ड्राइवर ट्रंक में फंसा था। ऐसे में उन्होंने उल्टाडांगा ब्रिज के निकट तैनात पुलिस कर्मियों को घटना की जानकारी दी। ऋषभ के अनुसार जब वह घर पहुंचे तो उन्हें फोन आया कि शिवशंकर की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है। ऐसे में उन्हें यकीन हो गया कि जिस बस से वह बचे थे उसी ने उनके मामा की कार को टक्कर मारी है। अस्पताल जाने पर उन्होंने परिवार के तीनों सदस्यों को मृत पाया।
अरविंद आवासन इलाके में पसरा मातम
राठी परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद उनके परिवार के अलावा इलाके में मातम पसरा हुआ है। पूरा इलाका शोकाकुल है। मंगलवार को इलाके में आवासन के स्थानीय नागरिकों की तरफ से एक बैनर लगाकर शोक प्रकट किया गया। इधर, घटना के बाद से शिवशंकर की पत्नी सरला राठी और बेटी आयुषी की तबीयत खराब है। वे लोग लगातार रो रहे हैं। रिश्तेदार कौशल दुजारी ने बताया कि दोनों मां-बेटी अभी भी ट्रॉमा में हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं। अभी परिवार पूरी तरह से टूट गया है।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
राठी परिवार के रिश्तेदारों ने एक बार फिर पुलिस की भूमका पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई आम नागरिक सड़क पर 50 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से वाहन चलाता है तो पुलिस उसपर कार्रवाई करती है। इधर, रात के समय एक अभियुक्त पागलों की तरह बागुईआटी से बस 100 से 120 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से लेकर लेकटाउन चला आया और रास्ते में कहीं पुलिस कर्मी ने उसे नहीं रोका। यह कैसा कानून और प्रशासन है। उन्होंने पुलिस से रात के वक्त इस तरह की दुर्घटनाओं पर रोक लगाने की अपील की है।

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