पर्यावरणविदों ने पंचायत चुनाव पर जारी किया मैनिफेस्टो

पर्यावरणविदों ने पंचायत चुनाव पर जारी किया मैनिफेस्टो
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कहा, बंगाल के पंचायत चुनाव में पर्यावरण पर कोई फोकस नहीं
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आगामी 8 जुलाई को राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं मगर किसी भी राजनीतिक पार्टी का फोकस पर्यावरण पर नहीं है। इसे लेकर पर्यावरणविदों ने कहा कि कई मुद्दे ग्रामीण बंगाल में हैं जो पर्यावरण संबंधी हैं, लेकिन उन पर कोई फाेकस ही नहीं किया गया है। पर्यावरणविदों के मंच सबूज मंच की ओर से हाल में पंचायत चुनाव को लेकर मैनिफेस्टो जारी किया गया। इसमें ग्रामीण बंगाल में पर्यावरण संबंधी मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गयी। एक पर्यावरणविद ने कहा, 'ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण के कारण लोगों की औसत उम्र 6 साल कम हो रही है। लगभग 99% गांवों में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कोई वैज्ञानिक सिस्टम नहीं है और 5 वर्षों में ही वन इलाके को 70 स्क्वायर कि.मी. तक कम कर दिया गया है।' दुनिया के 2600 क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल जलवायु प्रवणता के मामले में 60वें स्थान पर है जहां सुंदरवन सबसे अधिक प्रभावित है। हालांकि पंचायत चुनाव में इन मुद्दों पर कोई बात नहीं हुई। कई पर्यावरणविदों ने इसे लेकर राज्य चुनाव आयोग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर चुनाव प्रचार में पर्यावरण के नियमों को मानने की बात कही गयी। सबूज मंच के सेक्रेटरी नव दत्ता ने कहा, 'ग्रामीण बंगाल में पर्यावरण संबंधी मुद्दों को हाइलाइट करने के लिये ग्रीन मैनिफेस्टो जारी किया गया। उम्मीद है कि नवनिर्वाचित पंचायत द्वारा पर्यावरण संबंधी इन मुद्दों पर कदम उठाये जायेंगे।' राज्य भर के 50 ग्रीन ऑर्गनाइजेशन सबूज मंच के सदस्य हैं। संगठन के सदस्य जल्द राजनीतिक पार्टियों से मिलकर पर्यावरण के मुद्दों को भी फाेकस करने की अपील करेंगे।

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