Durga Puja 2023 : कोलकाता की दुर्गा प्रतिमाओं की अमेरिका तक demand ! | Sanmarg

Durga Puja 2023 : कोलकाता की दुर्गा प्रतिमाओं की अमेरिका तक demand !

– आज New Jersey में भेजी गई Durga Idol

कोलकाता : दुर्गा पूजा आने में अभी 130 दिन बाकी है लेकिन कुम्हारटोली में आज से ही इसकी धूम दिखाई दे रही है। कई जगहों से ऑर्डर मिल गये हैं तो कई जगहों पर खूंटी पूजा की जा रही है जिसके बाद पंडालों का थीम decide कर प्रतिमाओं का order दिया जा रहा है। इसी बीच आज कोलकाता से दुर्गा मां की थीम वाली प्रतिमा को US भेजा गया। पुराने कोलकाता के शोभा बाजार से 5 मिनट पैदल चलते ही कुम्हारटोली की संकरी गलियां शुरू हो जाती हैं। भूलभुलैया रास्तों में घुसते ही चारों ओर मां दुर्गा की मूर्तियां बनाते कलाकार दिख जाते हैं। इन्हीं कलाकारों की सुंदर कलाकृतियां विदेशों तक जाती है। यहां की मूर्तियां अमेरिका, ब्रिटेन, रूस सहित कई देशों में सप्लाई होती हैं।

न्यू जर्सी की थीम पंडाल में जायेगी ये मूर्ति

कई दशकों से दुनिया भर में दुर्गा पूजा के लिए निर्यात की जाने वाली पारंपरिक मूर्तियों से हटकर, इस साल न्यू जर्सी के ईस्ट ब्रंसविक में एक सामुदायिक पूजा के लिए कलाकार भबातोष सुतार द्वारा एक थीम-आधारित दुर्गा मूर्ति तैयार की गई है।  यहां के पूजा की थीम ‘वसुंधरा’ या पृथ्वी है और इसलिये सुतार ने मूर्ति पर मिट्टी के प्राकृतिक रंग का उपयोग किया है, जो एक बैठी हुई मुद्रा में है, एक माँ के आलिंगन की याद दिलाती है जो महामारी के अंत के बाद शांत शांति जैसा दिखता है। “इतिहास, भूगोल, भाषा और संस्कृति में अंतर के बावजूद, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बंगालियों ने इसे अपनी मातृभूमि के रूप में स्वीकार किया। लेकिन, उनकी परंपरा की जड़ें भारत, ‘वसुंधरा’ के दिल में गहराई से उलझी हुई हैं,” सुतार ने समझाया।

क्या कहा New Jersey के आयोजक ने…

एडिसन टाउन में पूजा के मुख्य आयोजकों में से एक उत्सव के जॉयदीप चक्रवर्ती ने कहा कि हमने अपने पूजा की योजना महामारी से पहले की थी। टीम तीन साल से सुतार के संपर्क में थी। सुतार ने कहा, “मैंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया क्योंकि पूजा समिति ने मुझे एक ऐसी मूर्ति को आकार देने की पूर्ण स्वतंत्रता दी, जो पारंपरिक नहीं है।” कुम्हारटोली के फाइबरग्लास कलाकार जो बंगाली प्रवासी के लिए मूर्तियों के निर्यात के लिए लोकप्रिय हैं, अब अंतिम समय की भीड़ का सामना कर रहे हैं। कुम्हारटोली के कुम्हार मिंटू पॉल जिन्हें अभी तक 8 ऑर्डर मिले हें ने कहा, “आमतौर पर मूर्तियों को मई के मध्य से अगस्त तक जहाज से भेजा जाता है। मूर्तियों के अपने गंतव्य स्‍थल तक पहुंचने में लगभग 60-90 दिनों का समय लगता है।”

विदेशों में बढ़ी theme idol की मांग
कोलकाता से विदेशों में प्रतिमा भेजन वाले exporters ने बताया कि इस साल विदेशों से भी थीम वाली प्रतिमाओं की मांग बढ़ी है। महानगर के बड़े निर्यातकों में से एक कौशिक घोष ने कहा कि “मेरी कार्यशाला में पहली बार शांति की थीम पर आधारित एक दुर्गा मूर्ति को आकार दिया जा रहा है। यह एक ध्यानमग्न बुद्ध जैसा होगा।” उन्होंने बताया कि वे इस मूर्ति कों अगस्त तक दुबाई भेजने की योजना बना रहे हैं। उन्हें हर साल अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के साथ-साथ जापान, फिनलैंड, आयरलैंड, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात से ऑर्डर मिलते हैं। इस साल भी उन्होंने मई में 17 फाइबरग्लास वाली मूर्तियों का निर्यात किया है।

कितनी है fibreglass idols की कीमत?

मूर्तियों का आकार 3 फीट से 10 फीट के बीच होता है। इनकी कीमत 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है। शहर के एक अन्य निर्यातक मोंटी पॉल ने कहा, “आयोजक जहाजों के माध्यम से मूर्तियों का निर्यात करना पसंद करते हैं।

कितने दिनों में पहुंचती हैं मूर्तियां?

कोलकाता से मूर्ति अमेरिका 45, सिंगापुर 5-6, यूके 15-20 दिन में पहुंच जाती है।

 

 

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