Civic Volunteer संभाल रहे हैं Kolkata की ट्रैफिक

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कोलकाता पुलिस के 12 हजार पुलिस कर्मी गए हैं पंचायत चुनाव की ड्यूटी पर
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शनिवार यानी आज राज्य भर में पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इससे पहले पंचायत चुनाव के दौरान विभिन्न जिलों में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए कोलकाता पुलिस के 12 हजार पुलिस कर्मियों को विभिन्न जिलों में भेज दिया गया है। कोलकाता पुलिस से कांस्टेबल, एएसआई, सब इंस्पेक्टर सहित अन्य रैक के अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजा गया है। इधर, इतनी संख्या में पुलिस कर्मियों के जिलों में जाने के बाद अब कोलकाता पुलिस के विभिन्न पुलिस स्टेशन और ट्रैफिक गार्ड में समस्या हो रही है। एक पुलिस स्टेशन में 10 सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) हैं। कहीं यह संख्या छह है, कहीं इतनी भी नहीं है। होम गार्ड से लेकर पुलिस कांस्टेबलों की संख्या तो और भी खराब है। वहां जो थोड़े से कर्मचारी हैं, उन्हें कभी-कभी वीआईपी की सुरक्षा के लिए भेजना पड़ता है, कभी-कभी उन्हें दिन-प्रतिदिन के दर्शनीय स्थलों का प्रभारी रखना पड़ता है। नतीजतन, अधिकारी व्यावहारिक रूप से पुलिस स्टेशन चलाने के लिए मजबूर हैं और 'डबल ड्यूटी' कर रहे हैं। ऐसे में भले ही शहर की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखने की कोशिश की जा रही हो, लेकिन अगर कोई बड़ी घटना घट गयी तो क्या होगा, यह सवाल थाने के अंदर खड़ा हो गया है। कुछ ऐसा ही हाल शहर के विभिन्न ट्रैफिक गार्ड का भी है। महानगर के ट्रैफिक यातायात को संभालने के लिए सिविक वाॅलंटियर को तैनात किया गया है।
उल्टाडांगा, सियालदह, दक्षिण कोलकाता में ट्रैफिक जाम की समस्या
चुनाव के कारण ट्रैफिक गार्डों की भी स्थ‌िति ठीक नहीं है। यहां पर अधिकतर ट्रैफिक गार्ड के 60 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को चुनावी ड्यूटी पर भेज दिया गया है। अधिकारियों को सड़क सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कर्मियों की संख्या कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि पुलिस कर्मियों का एक बड़ा हिस्सा मतदान के लिए चला गया है। कहीं न कहीं सड़क यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सिविक वॉलंटियर्स पर है। शुक्रवार सुबह से ही कई सड़कों पर अपेक्षाकृत कम संख्या में पुलिसकर्मी नजर आ रहे हैं। नतीजतन दिन के व्यस्त समय में पुलिस कर्मियों को सियालदह, उल्टाडांगा, धर्मतल्ला, हाजरा मोड़, गरियाहाट सहित शहर के महत्वपूर्ण हिस्सों में यातायात प्रबंधन में व्यावहारिक रूप से परेशानी उठानी पड़ती है। लालबाजार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दिनों महानगर में ट्रैफिक सिग्नलिंग को ऑटोमेटिक तरीके से कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाता है। शहर में मैनुअल ट्रैफिक नियंत्रण बहुत कम होता है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की अनुपस्थिति में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमेरे की निगरानी के जरिए भी पूरे शहर की ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है।

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