अपराजिता : आकांक्षा ने भरी उड़ान

अपराजिता : आकांक्षा ने भरी उड़ान
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विधाननगर : कोलकाता के पाइक पाड़ा में रहने वाली आकांक्षा झा ने 2010 में सेंट स्टीफन स्कूल से कक्षा 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद डॉक्टर बनने का सपना देखा था। उनकी इस सोच ने उन्हें नीट की परीक्षा में सफलता प्रदान की एवं उन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में बतौर डॉक्टर शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने टाटा मेडिकल सेंटर में कोरोना के दौरान बतौर मेडिकल प्रैक्टिशनर काम किया। इसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि डॉक्टर की सेवा एक एक व्यक्ति का इलाज करना है लेकिन समाज में एक साथ बड़े पैमाने पर सेवा करना है तो उन्हें यूपीएससी क्रैक करना होगा।
एक साल के भीतर सफलता ने चुमे कदम
पिछले 2 साल से वह टाटा मेडिकल सेंटर में बतौर ओंकोलॉजिस्ट चिकित्सा सेवा प्रदान करने के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। उनकी तैयारी में यूपीएससी तैयारी करवाने वाली संस्था सत्येंद्र नाथ टैगोर सिविल सर्विस स्टडी सेंटर ने मदद की। उन्होंने यूपीएससी मेंस की तैयारी के दौरान वहां जुड़ी और 1 साल के भीतर ही सफलता हाथ आया। वर्ष 2022 के सिविल सर्विस परीक्षा में आकांक्षा झा ने ऑल इंडिया में 371 वां रैंक हासिल कर परिवार के साथ समाज के सपनों को साकार किया।
कहा आकांक्षा ने…
आकांक्षा ने बताया कि कोरोना के दौरान जब वह मेडिकल प्रैक्टिस कर रही थी तब कई सारे जटिल केस उनके पास आते थे। उन लोगों को हर तरह की सद्भावना के साथ उपचार किया करती थी एवं वहीं से उन्होंने संकल्प लिया कि अब समाज के आम लोगों को भी उनकी जरूरत है। आकांक्षा झा के पिता शंभू नाथ झा ने बताया कि बेटा और बेटी में किसी तरह का फर्क नहीं करना चाहिए और अच्छी शिक्षा और संस्कार बच्चों को सफलता की चोटी पर पहुंचाती है। आज बेटियां हर जगह हर क्षेत्र में सफल पाई जा रही हैं और इसकी एक मिसाल आकांक्षा है।

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