

कोलकाता : पोइला बैशाख से पहले खुदरा विक्रेताओं के लिए गुरुवार सबसे व्यस्त दिनों में से एक माना जा रहा था, लेकिन शिक्षकों तथा वक्फ कानून के विरोध में निकाली गयीं रैलियों से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। शहर में हुई दो बड़ी रैलियों के कारण त्योहारी खरीददारी लगभग ठप पड़ गई। महावीर जयंती के अवसर पर अधिकांश स्कूल और कार्यालय बंद थे, जिससे लोग खरीददारी और बाहर घूमने की योजना बना रहे थे लेकिन सुबह से ही नये वक्फ कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते कॉलेज स्ट्रीट, हाथीबागान और गरियाहाट जैसे प्रमुख इलाकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया। दिन चढ़ते-चढ़ते एसएससी आंदोलनकारियों की रैली ने हालात और भी खराब कर दिए। इसके चलते बाजारों की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात डायवर्ट कर दिया गया, जिससे खरीददारों को घर के अंदर ही रहना पड़ा। गरियाहाट, न्यू मार्केट, हाथीबागान और कॉलेज स्ट्रीट जैसे प्रमुख बाजारों की दुकानें और स्टॉल पूरे दिन सूने पड़े रहे। व्यापारियों के लिए यह सप्ताह बेहद कठिन साबित हो रहा है। पहले रविवार को रामनवमी की रैलियों के कारण ग्राहक बाजारों से दूर रहे और अब गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों ने दूसरी बार उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया है। गरियाहाट इंदिरा हॉकर्स यूनियन के संयुक्त सचिव सुमन साहा ने कहा कि इस साल चैत्र की बिक्री एक और दिन के लिए हाथ से निकल गई। रविवार को लोग रामनवमी के डर से नहीं निकले और गुरुवार को विरोध ने दूसरी बार चोट पहुंचाई है। इस संबंध में बर्ट्राम स्ट्रीट के दुकानदार नौशाद अली ने बताया कि रैली की वजह से शाम 5 बजे तक एक भी सामान नहीं बिका।