रियल्टी कंपनी महागुन को मिली बड़ी राहत, दिवाला कार्यवाही रद्द

एनसीएलएटी ने महागुन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया रद्द की, परियोजनाओं की स्थिति पर पुनर्विचार का आदेश
रियल्टी कंपनी महागुन को मिली बड़ी राहत, दिवाला कार्यवाही रद्द
Published on

नई दिल्ली : रियल्टी कंपनी महागुन को बड़ी राहत देते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने उसके खिलाफ दिवाला कार्यवाही रद्द कर दी है। इसके साथ ही एनसीएलटी को निर्देश दिया गया है कि वह परियोजनाओं पर दायर नयी स्थिति रिपोर्ट पर विचार करते हुए याचिका पर नए सिरे से सुनवाई करे।

अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि एनसीएलटी को मानसी बरार फर्नांडीस मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर विचार करना चाहिए था, जहां यह माना गया है कि रियल एस्टेट में दिवाला प्रक्रिया परियोजनाओं के आधार पर होनी चाहिए।

इसके अलावा, महागुन की अन्य परियोजनाओं के विभिन्न घर खरीदारों द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन पर भी विचार किया गया, जिसमें रियल्टी कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था।

उनमें से कुछ ने महागुन के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) जारी रखने का भी सुझाव दिया, और कुछ सदस्यों ने तर्क दिया कि इसे केवल महागुन मनोरियल परियोजना तक ही सीमित रखा जाना चाहिए।

इस मामले में, आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल) ने भी एक हस्तक्षेप याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उसने महागुन को चार अन्य परियोजनाओं के लिए अग्रिम वित्त पोषण दिया है, ये परियोजनाएं चालू हैं और कोई चूक नहीं हुई है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली स्थित पीठ ने पांच अगस्त, 2025 को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड के अनुरोध पर महागुन के खिलाफ दिवाला याचिका को स्वीकार कर लिया था। इसमें रियल्टी कंपनी पर 256.48 करोड़ रुपये की चूक का आरोप लगाया गया था।

गौरतलब है कि महागुन कंपनी के खिलाफ 2022 में धोखाधड़ी के मामले में महागुन कंपनी का नाम आने के बाद मामले बहुत तूल पकड़ा था। इसकी के मद्देनज़र महागुन के खिलाफ न्यायिक कार्यवाई की मंजूरी दी गई थी। आरोप था कि कंपनी ने यूपी अपार्टमेंट एक्ट का उलंघन्न किया है जिसके बाद कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज़ कर लिया गया था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in