

नयी दिल्ली : ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारत के पूर्व निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेसी के भारत दौरे के घटनाक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि इस महान खिलाड़ी के करीब आने या उसके साथ तस्वीर खिंचवाने के लिये लाखों रुपये खर्च किये जाने को लेकर वह काफी दु:खी हैं। मेसी के तीन दिन के भारत दौरे पर काफी अराजकता देखी गई चूंकि राजनेताओं, फिल्मी हस्तियों, उद्योगपतियों और अधिकारियों में उनके साथ तस्वीर लेने को लेकर होड़ रही। कोलकाता में तो प्रशंसकों के सब्र का बांध टूट गया जो हजारों रुपये के टिकट खरीदने के बावजूद उनकी एक झलक भी नहीं पा सके। बिंद्रा ने एक्स पर लिखा, ‘जैसे जैसे उनका हालिया भारत दौरा आगे बढ़ा, कुछ जगहों पर अफरा तफरी हुई और मुझे काफी असहज लगा।
इसने मुझे रुकने और सोचने पर मजबूर किया, इस बात की सच्ची चिंता में कि हम असल में क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘एक पल के लिये उनके करीब जाने या तस्वीर खिंचवाने के लिये लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। यह ईमानदारी से कमाया गया लोगों का पैसा है और वे चाहे जैसे इसे खर्च करें। लेकिन मैं दु:खी हूं और मुझे हैरानी हो रही है कि क्या यह संभव था कि इस ऊर्जा और निवेश का एक हिस्सा भी हमारे देश में खेलों की बुनियाद पर खर्च किया जा सकता था।’ बिंद्रा ने हालांकि स्पष्ट किया कि अर्जेंटीना के विश्व कप विजेता कप्तान के लिये उनके मन में अपार सम्मान है जो इस समय दुनिया के सबसे चहेते खिलाड़ियों में से हैं। उन्होंने कहा,‘लियोनेल मेसी उन खास खिलाड़ियों में से हैं जिनकी कहानी खेल से कहीं आगे है।
शारीरिक मुश्किलों से लड़ने वाले एक बच्चे से लेकर एक महान फुटबॉलर तक के उनके सफर ने दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। मैं उनकी उस खूबी के लिए बहुत सम्मान और तारीफ करता हूँ जो उनमे नजर आती है मसलन लगन, विनम्रता और महानता।’ उन्होंने कहा, ‘मैं खेलों का अर्थशास्त्र समझता हूं। मैं व्यावसायिक सच्चाई, वैश्विक ब्रांडिंग और महान खिलाड़ी के आकर्षण को समझता हूँ। मैं मेसी को किसी भी तरह से गलत नहीं मानता। उन्होंने अपने रास्ते में आने वाले हर मौके को कमाया है और महानता की तारीफ करना स्वाभाविक है।’ मेसी के जीओएटी दौरे का फुटबॉल से कोई सरोकार नहीं है और उनका कार्यक्रम मुलाकातों तक सीमित है जिसमें प्रशंसकों से सीधे मुलाकात नहीं है।
बिंद्रा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के लिये इस्तेमाल किये गए संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘एक समाज के रूप में हम खेल संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं या दूर से व्यक्ति पूजा कर रहे हैं। खेलों में महान देश पलों के आधार पर नहीं, तंत्र के आधार पर बनते हैं। संयम के साथ। असाधारण सपने देखने वाले साधारण बच्चे में भरोसा करके।’ बिंद्रा ने कहा, ‘मेसी जैसे आइकन हमे प्रेरित करते हैं और वह प्रेरणा काफी मायने रखती है। लेकिन प्रेरणा का उद्देश्य भी होना चाहिये। दीर्घकालिन प्रतिबद्धता। विकल्प ऐसे चुनने चाहिये जिनसे हम बस आज भर के लिये रोमांचित नहीं हों बल्कि कल को भी मजबूत करें।’