क्रिकेट की वो ट्रॉफी जिसका नाम राख से लिखा गया है
नई दिल्ली : इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया आगामी एशेज श्रृंखला में प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी टीम भी इस महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए आत्मविश्वास से भरी है। गौरतलब है कि फरवरी में चैंपियंस ट्रॉफी में चोट लग जाने के बाद से वुड ने 15 महीनों से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। वह इंग्लैंड की गेंदबाजी योजनाओं का एक अहम हिस्सा हैं। 21 नवम्बर से शुरू होने जा रही है एशेज श्रृंखला, आइये जानते हैं इसका इतिहास।
एशेज श्रृंखला की रोमांचक शुरुआत
एशेज श्रृंखला आज के समय में कोई सामान्य श्रृंखला नहीं है बल्कि ये इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए साख की लड़ाई है। लेकिन 1882 में जब इसकी शुरुआत हुई थी तब यह किसी सामान्य द्विपक्षीय श्रृंखला की तरह ही थी। पर बात तब बिगड़ गई जब ऑस्ट्रेलिया ने ओवल में पहली बार इंग्लैंड को हराया।
ब्रिटिश मीडिया ने इसे देश की साख पर हमला बता दिया और अख़बार में शोक सन्देश छापते हुए लिखा कि इंग्लिश क्रिकेट मर चुका है जिसकी राख ऑस्ट्रेलिया ले जाई जाएगी। हालांकि ये व्यंग था लेकिन इंग्लिश खिलाड़ियों ने इसे दिल पर ले लिया।
ऐसे पड़ा नाम एशेज
अगले साल (1882-83) जब इंग्लैंड की टीम कप्तान इवो ब्लिग के कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई, तो इंग्लिश कप्तान ने उन राख को वापस लाने की कसम खाई। इस दौरे के दौरान, मेलबर्न की कुछ महिलाओं ने, कथित तौर पर, एक लकड़ी की गिल्ली को जलाया और उसकी राख को एक छोटी कलश (terracotta) कलश में डाल दिया, जिसे ब्लिग को भेंट किया गया।
यह छोटी कलश ही एशेज श्रृंखला की प्रतिष्ठित ट्रॉफी बन गई, हालांकि यह आधिकारिक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि एक निजी उपहार है और इसे लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के एमसीसी संग्रहालय में रखा जाता है।
एशेज श्रृंखला से जुडी अहम बातें
'एशेज' नाम 1882 की घटना के बाद लोकप्रिय हुआ लेकिन दोनों देशों के बीच यह श्रृंखला 1877 से शुरू हुई थी। यह क्रिकेट की सबसे पुरानी और सबसे तीव्र contest में से एक है, जिसमें दोनों देशों के बीच गजब की टक्कर देखी जाती है।
यह 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला के रूप में खेली जाती है, जो बारी-बारी से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होती है। सर डोनाल्ड ब्रैडमैन जैसे महान खिलाड़ियों ने एशेज में अद्भुत प्रदर्शन किया है, जिनके नाम श्रृंखला में सर्वाधिक रन (5028) बनाने का रिकॉर्ड है।
अब तक 70 से अधिक एशेज श्रृंखलाएं खेली जा चुकी हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की तुलना में थोड़ी अधिक श्रृंखलाएं जीती हैं। इंग्लैंड की टीम 2010-11 से ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला नहीं जीत पाई है ।

