कहानी भारत में ‌‌स्थित 'Mini Brazil' की

मध्य प्रदेश के बिचारपुर गांव की फुटबॉल क्रांति
कहानी भारत में ‌‌स्थित 'Mini Brazil' की
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कोलकाता - भारत में ज्यादातर लोग खेल का मतलब क्रिकेट समझते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट भारत के लोगों के दिलों में बसता है। ऐसे में कई खेल है जिन्हें भारत में कभी वो मान्यता मिल ही नहीं पाती। वैसे तो भारत में कई तरह के खेल खेले जाते हैं पर आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताऐंगे जिसकी कहानी फ़ुटबॉल से जुड़ी हुई है। इस गॉव के बारे में कई बार प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में बात की है। इस गॉव को आज भारत में 'मिनी ब्राज़ील' के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं कहानी मिनी ब्राज़ील की।

यह गांव मध्य प्रदेश में स्थित है

यह गांव भारत का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में ​​स्थित है। इस गांव का नाम बिचारपुर है। यह गांव मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में ​स्थित है। गांव के ज्यादातर परिवार आदीवासी समुदाय से हैं। गांव आज भी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है और इस गांव के आस पास काफी जंगल है। कुछ सालों पहले इस गांव के पास ऐसा कोई कारण नहीं था जिसकी वजह से यह देश दुनिया में जाना जाए पर अब इस गांव में गजब का परिवर्तन देखने को मिला है।

हर घर में है एक फुटबॉल खिलाड़ी

इस गांव की खास बात यह है कि गांव के लगभग हर घर में एक फुटबॉल ​खिलाड़ी है। केवल इसी गांव ने देश को अब तक ऐसे 45 फुटबॉल ​खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है और अपने खेल से सबको प्रभावित किया है। इस गांव को मिनी ब्राजील बनाने वाले व्य​क्ति का नाम सुरेश कुंडे है। सुरेश कुंडे खुद एक पूर्व ​फुटबॉल ​खिलाड़ी हैं। उन्होंने इस गांव के ​खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचाना और खुद उन्हें प्र​शि​क्षित करना शुरू कर दिया। उन्होंने शुरुआत में खुद पैसे लगाकर बच्चों को प्र​शिक्षण दिया। ऐसा करते हुए उन्होंने देखा कि बच्चे अब इस खेल में रुचि लेने लगे हैं। उस दिन के बाद से इस गांव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

शहडोल जिले में 1200 से अधिक क्लब बन गए हैं

इस अकेले गांव ने सबको इतना प्रभावित किया कि वर्तमान समय में शहडोल जिले में 1200 से अ​धिक फुटबॉल क्लब हैं।शहडोल से राष्ट्रीय स्तर पर उभरने वाले खिलाड़ियों की संख्या भी अब बढ़ रही है और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह हिस्सा अब देश का फुटबॉल नर्सरी बन गया है।

गांव की लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं

इस गांव में केवल लड़के ही नहीं लड़कियां भी फुटबॉल खेलती हैं जो की अपने में काफी प्रभावशाली बात है। सितंबर 2024 में राज्य स्तरीय खेलो एमपी यूथ गेम्स में शहडोल जिले की बालिका फुटबॉल टीम ने जबलपुर जिले को 24-0 से हराकर टूर्नामेंट जीता था। इसमे खास बात यह रही कि शहडोल की टीम में 18 बालिकाओं में से नौ बिचारपुर की थी।

हर गुजरते साल के साथ भारतीय फुटबॉल टीम में भी सुधार हो रहा है, शहडोल जिले से इतने सारे फुटबॉल खिलाड़ियों का उभरना उम्मीद जगाता है कि निश्चित रूप से यह फुटबॉल खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दिन भारत का नाम रोशन करेंगे।

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