'टेनिस खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में खेलने को प्राथमिकता देनी चाहिए'

खिलाड़ियों को प्राप्त धनराशि के लिए जवाबदेह बनाते हुए साई ने अपने आदेश में ‘टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप’ (टीएजीजी) के अंतर्गत मदद के लिए चुने गए खिलाड़ियों को लिखित में देने को कहा है जिसमें वे स्वीकार करें कि वित्तीय सहायता प्राप्त करना देश के खेल उत्कृष्टता में योगदान देने की जिम्मेदारी है
सांकेतिक तस्वीर
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नयी दिल्ली : भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के नए आदेश के अनुसार विभिन्न योजनाओं के जरिये वित्तीय मदद हासिल करने वाले देश के टेनिस खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में खेलने को प्राथमिकता देनी चाहिए और बिना किसी ‘वैध स्पष्टीकरण’ के खेलने से इनकार करने पर उनसे धनराशि वसूल की जाएगी। खिलाड़ियों को प्राप्त धनराशि के लिए जवाबदेह बनाते हुए साई ने अपने आदेश में ‘टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप’ (टीएजीजी) के अंतर्गत मदद के लिए चुने गए खिलाड़ियों को लिखित में देने को कहा है जिसमें वे स्वीकार करें कि वित्तीय सहायता प्राप्त करना देश के खेल उत्कृष्टता में योगदान देने की जिम्मेदारी है। एक सूत्र के अनुसार यह मामला तब चर्चा में आया जब टीएजीजी में शामिल करने के लिए खिलाड़ियों के नामों पर चर्चा की गई।

साई ने अपने आदेश में टॉप्स, एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) और टीएजीजी योजनाओं के अंतर्गत मदद हासिल करने वाले खिलाड़ियों से बिली जीन किंग कप, डेविस कप, एशियाई खेल और ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए उनकी उपलबधता और इच्छा की पुष्टि करने को कहा है। साई के आदेश के अनुसार, ‘ये टेनिस प्रतियोगितायें राष्ट्रीय गौरव के लिए अहमियत रखती हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वित्तीय मदद हासिल करने वाले सभी खिलाड़ियों को अगर अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) द्वारा चुना जाता है तो वे भारत का प्रतिनिधित्व करने को प्राथमिकता दें।’

इसमें कहा गया, ‘हम आपको यह भी सूचित करना चाहेंगे कि एनएसएफ द्वारा चयन की स्थिति में अगर आप बिना किसी वैध स्पष्टीकरण के इन टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला करते हैं तो आज तक प्रदान की गई वित्तीय सहायता लागू दिशानिर्देशों के अनुसार वसूली के अधीन होगी।’ ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ (टॉप्स) की तर्ज पर जापान में 2026 एशियाई खेलों में भारत की पदक तालिका में इजाफा करने के उद्देश्य से टीएजीजी को इस साल अप्रैल में लांच किया गया था। बीते समय में ऐसे कई उदाहरण हैं जब खिलाड़ियों ने डेविस कप खेलने से इनकार कर दिया था।

शीर्ष एकल खिलाड़ी सुमित नागल ने पाकिस्तान (2024) की यात्रा नहीं करने का फैसला किया जबकि उन्होंने स्वीडन (2024) और टोगो (2025) के खिलाफ मुकाबलों में भी भाग नहीं लिया था। शशिकुमार मुकुंद ने भी पाकिस्तान और स्वीडन के मुकाबलों से नाम वापस ले लिया था लेकिन वह इस साल फरवरी में नयी दिल्ली में टोगो के खिलाफ मुकाबले के लिए राष्ट्रीय टीम लौट आए थे। युकी भांबरी ने भी स्वीडन और टोगो के खिलाफ होने वाले मुकाबलों के लिए खुद को अनुपलब्ध बताया था।

पता चला है कि नागल, भांबरी, रामकुमार रामनाथन, एन श्रीराम बालाजी, साकेत मायनेनी और रित्विक बोलीपल्ली को टीएजीजी में शामिल किया गया है। महिलाओं में शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ी श्रीवल्ली भामीदिपति, सहजा यमलापल्ली, वैदेही चौधरी, रूतुजा भोसले और युवा खिलाड़ी माया राजेश्वरन को भी इस योजना में शामिल किया गया है। भारत के डेविस कप कप्तान रोहित राजपाल और बिली जीन किंग कप में कप्तान रहे विशाल उप्पल ने इस कदम का स्वागत किया है।

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