तन्वी को रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा

फाइनल में हालांकि वह अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई और उन्हें दूसरी वरीयता प्राप्त थाई खिलाड़ी से 7-15, 12-15 से हार का सामना करना पड़ा।
तन्वी को रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा
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गुवाहाटी : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा का BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने का सपना रविवार को यहां महिला एकल फाइनल में थाईलैंड की अन्यापत फिचितप्रीचासक से सीधे गेम में हारकर टूट गया। यह 16 वर्षीय खिलाड़ी साइना नेहवाल और अपर्णा पोपट के नक्शेकदम पर चलते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी भारतीय महिला शटलर बनी। फाइनल में हालांकि वह अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई और उन्हें दूसरी वरीयता प्राप्त थाई खिलाड़ी से 7-15, 12-15 से हार का सामना करना पड़ा।

इस प्रकार तन्वी ने रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया जो 17 वर्षों में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भारत का पहला पदक है। साइना (2008 में स्वर्ण और 2006 में रजत) और अपर्णा (1996 में रजत) इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली अन्य भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। फाइनल में मुकाबला शुरू से ही कड़ा रहा क्योंकि दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे की गलतियों के कारण 2-2 से 4-4 तक बराबरी पर आ गए। थाई खिलाड़ी ने हालांकि इसके बाद भारतीय खिलाड़ी की गलतियों का फायदा उठाकर 10-5 की बढ़त बना ली और फिर इसके बाद आसानी से पहला गेम अपने नाम किया।

दूसरे गेम में तन्वी ने कुछ सटीक डीप रिटर्न के साथ 6-1 की बढ़त बना ली। लेकिन फिर से उन्होंने गलतियां की जिसका फायदा उठाकर थाई खिलाड़ी ने अंतर को 5-7 तक कम कर दिया। फ़िचितप्रीचासक का अगला शॉट चूक गया, जिससे तन्वी को मध्यांतर तक 8-5 की मामूली बढ़त मिल गई। थाई खिलाड़ी ने हालांकि तन्वी को बार-बार नेट पर आने के लिए मजबूर किया जिससे उनकी गलतियां बढ़ गई। थाईलैंड की खिलाड़ी ने जल्द ही स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया। थाईलैंड की खिलाड़ी इसके बाद अधिक आत्मविश्वास के साथ खेली। उन्होंने जल्द ही बढ़त हासिल की और इसे आखिर तक बरकरार रखकर मैच अपने नाम किया।

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