आईकेएमएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
सीएमएस की उपाधि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी
दीपक राम
कोलकाता : अक्सर कहा जाता है कि हर सफल आदमी के पीछे एक महिला होती है, लेकिन क्या हम कभी यह भी स्वीकार करते हैं कि अगर कुछ समर्थन और प्यार मिले तो महिलाएं क्या कुछ नहीं कर सकती हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिसमें महिलाओं ने भारत को गौरवान्वित किया है, लेकिन फिर शादी और पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने के बाद अपनी प्राथमिकताओं के चलते अपने क्षेत्र से गायब हो गईं, जहां सपने स्वाभाविक रूप से मर जाते हैं। लेकिन हम यहां कोलकाता की रहने वाली एक ऐसी महिला खिलाड़ी की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने परिवार के समर्थन और दृढ़ संकल्प के साथ अंतर्राष्ट्रीय खेल के मैदान पर भारतीय झंडा फहराया है। हम बात कर रहे हैं केटलबेल की धुरंधर खिलाड़ी शिवानी अगरवाला की।
शिवानी ने आईकेएमएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता
महानगर कोलकाता के न्यूअलीपुर की रहने वाली शिवानी अगरवाला ने केटलबेल खेल में एक बार फिर से देश को गौरवान्वित किया है। बीते 15 से 17 नवंबर तक बेल्जियम में आईकेएमएफ विश्व चैंपियनशिप 2024 का आयोजन किया गया। जिसमें 25 देशों के 150 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया। इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली शिवानी अकेली भारतीय थीं। उन्होंने दो केटेगरी में हिस्सा लिया। पहली कैटेगरी में शिवानी ने लगातार 1 घंटे तक 864 बार स्नैच किया जिसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। इसी के साथ शिवानी पहली भारतीय बनीं जिसे कैंडिडेट आॅफ मास्टर्स स्पोर्ट्स (सीएमएस) की उपाधि मिली। एक अन्य कैटगरी में शिवानी के पांच रेपिटेशन कम पड़ गये जिसके चलते खिताब नहीं जीत सकीं।
कौन सा खेल है केटलबेल
केटलबेल एक प्रकार का भारोत्तोलन है। इस खेल में केतली के आकार की भारी वस्तु को एक निश्चित घेरे में बगैर जमीन पर रखे उठाना होता है।
अब तक 6 विश्व चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं गोल्ड
सन्मार्ग से बातचीत करते हुए शिवानी ने बताया कि केटलबेल में वह पहली ऐसी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जो अब तक 6 गोल्ड जीत चुकी हैं। शिवानी ने बताया कि 2018 में उज्बेकिस्तान, 2019 में आॅस्ट्रेलिया, 2021 में फ्रांस, 2022 में ग्रीस और दिल्ली में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
केटलबेल में है अवसर
शिवानी का कहना है कि केटलबेल एक ऐसा खेल है जिसमें आपके पास मौका ही मौका है। इसे आप खेलते रहिए। इसमें आपका भविष्य उज्जवल है। जैसे आप क्रिकेट और फुटबाॅल को प्यार देते हैं वैसे इस खेल को भी अपना प्यार दें। इस खेल में मेरी जैसी अनेकों महिलाएं आगे आकर देश का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं। अपने लोगों को प्रेरित करें। यह एक ऐसा खेल है जिसमें उम्र बाधा नहीं है। इस खेल में 70 से 75 साल की उम्र में भी खेल सकते हैं।