'लवलीना और असम के मुक्केबाजों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका जा रहा'

राष्ट्रीय चैंपियनशिप में असम के मुक्केबाजों को भाग लेने से रोकने पर विवाद
'लवलीना और असम के मुक्केबाजों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका जा रहा'
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नयी दिल्ली :
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने बुधवार को आरोप लगाया कि हाल में निलंबित किए गए बीएफआई महासचिव हेमंत कलिता ओलंपिक कांस्य विजेता लवलीना बोरगोहेन को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने से रोक रहे हैं। हालांकि कलिता ने इन आरोपों से इनकार किया। सिंह ने यहां एक आपात प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि टोक्यो ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना ग्रेटर नोएडा में गुरुवार से शुरू हो रही घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहती हैं लेकिन कलिता ने उन्हें टूर्नामेंट से हटने के लिए कहा है जो असम मुक्केबाजी संघ में सचिव के पद पर काबिज हैं। 

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सुधीर कुमार जैन द्वारा की गई जांच में कलिता वित्तीय कुप्रबंधन के दोषी पाए गए हैं। सिंह ने कहा, ‘असम मुक्केबाजों को महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने से हतोत्साहित कर रहा है। लवलीना ने प्रतियोगिता के समर्थन में एक वीडियो रिकॉर्ड किया है। लेकिन अधिकारियों को फोन आया है कि हेमंत कलिता ने उन्हें भाग नहीं लेने के लिए कहा है। असम मुक्केबाजी में लवलीना का बहुत बड़ा योगदान है इसलिए वह अपनी भागीदारी पर पुनर्विचार कर रही हैं।’ 

कलिता ने आरोप पर कहा, ‘यह सब मुझे बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। शुरुआत से ही राज्य इकाइयां महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप की तारीख से नाखुश थीं। कई राज्यों ने बीएफआई को भी पत्र लिखा था।’ बीएफआई को 22 राज्यों से प्रविष्टियां मिली हैं लेकिन यह देखना बाकी है कि करीब दो साल बाद होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए कितने मुक्केबाज आते हैं। अपने निलंबन के बारे में बात करते हुए कलिता ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देंगे।  

उन्होंने कहा, ‘मैं इसे चुनौती दूंगा। अगर फंड का कोई दुरुपयोग हुआ है तो अध्यक्ष को दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि वे ही सभी चेक पर हस्ताक्षर करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान यह सहमति बनी थी कि नैतिक समिति मामले की जांच करेगी। तो फिर इस काम के लिए एक न्यायाधीश को क्यों नियुक्त किया गया?’ सिंह ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि जांच की मांग करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। सिंह ने कहा, ‘जब मुझे साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) द्वारा शिकायत की जांच करने के लिए कहा गया तो मैंने मामले को कार्यकारी समिति के समक्ष रखा और कहा कि हमें उचित जांच की जरूरत है और वे (सचिव और कोषाध्यक्ष) इस पर सहमत हो गए। वे बैठक का हिस्सा थे।’ 

सिंह ने कहा, ‘कार्यकारी समिति की बैठक के मिनट उपलब्ध हैं और जांच को नैतिकता आयोग में भेजने का कोई अनुरोध नहीं किया गया था।’ कलिता जल्द ही होने वाले बीएफआई चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवारों में से एक थे, लेकिन उनका नामांकन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उन्हें संस्था में अलग भूमिकाओं में दो कार्यकाल पूरा करने के बाद ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ से गुजरना होगा।

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