अहमदाबाद : आईपीएल 2023 का आखिरी और फाइनल मुकाबला रविवार को गुजरात के अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच शाम 7.30 बजे खेला जाएगा। यह संयोग ही है कि आईपीएल के इस सीजन का पहला मुकाबला भी इसी मैदान और इन्हीं दोनों टीमों के बीच 31 मार्च को खेला गया था।
आईपीएल में दोनों टीमों के अब तक के प्रदेर्शन की बात करें तो चेन्नई सुपर किंग्स ने अब तक चार बार (2010,2011, 2018 और 2021) में आईपीएल का खिताब जीता है। वहीं, पिछले साल टूर्नामेंट में डेब्यू करने वाली गुजरात टाइटंस ने पहली ही बार में हार्दिक पांड्या की कप्तानी में यह खिताब जीतकर टीम का परचम लहराया था। इस सीजन दोनों टीम तीसरी बार एक दूसरे से भिड़ेंगी। इससे पहले खेले गए दोनों मुकाबलों में से एक गुजरात ने और एक चेन्नई ने जीता था। वहीं, ओवरआल रिकार्ड्स पर नजर डालें, तो चेन्नई और गुजरात के बीच आईपीएल इतिहास में कुल 4 मुुकाबले खेले गए हैं, जिनमें से 3 मैच गुजरात ने जीते हैं और धोनी की टीम सिर्फ एक मुकाबले में जीती है। इस मैदान पर आईपीएल के अब तक 26 मैच खेले गए हैं, जिनमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 13 मैच जीते हैं और इतने ही मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने भी बाजी मारी है। अहमदबाद के इस बड़े मैदान पर आईपीएल का औसत स्कोर 185 रन रहा है।
धोनी का संभवतः यह आखिरी आईपीएल
धोनी के प्रशंसक उन्हें अगले साल फिर खेलते देखना चाहेंगे लेकिन पूरा आईपीएल उन्होंने बायें घुटने पर पट्टी बांधकर खेला है लिहाजा उनके लिये अगले सत्र में फिर खेलना मुश्किल लग रहा है। इसलिये ‘थाला’ (तमिल में बड़ा भाई) के प्रशंसकों के लिये यह धोनी के आखिरी मैच के हर पल को यादों में कैद करने का अवसर है। वह अधिकांश मैचों में 8वें नंबर पर बैटिंग के लिये उतरे हैं लेकिन तुषार देशपांडे जैसे अनुभवहीन गेंदबाज और शिवम जैसे युवा बल्लेबाज को उन्होंने आत्मविश्वास दिया है। धोनी का करिश्मा कभी खत्म नहीं होगा। उनकी कप्तानी भारतीय क्रिकेट की किवदंतियों का हिस्सा रहेगी।
गुजरात के पास पांड्या के रूप में कुशल कप्तान
दूसरी ओर गुजरात के पास हार्दिक पांड्या के रूप में ऐसा कप्तान है जिसका मानना है कि टीम की कप्तानी का एक ही तरीका है जो धोनी से उन्होंने सीखा है। बल्लेबाज मैच जीतते हैं लेकिन गेंदबाज टूर्नामेंट जीतते हैं और यह टाइटंस ने साबित कर दिया है। मोहम्मद शमी (28 विकेट), राशिद खान (27 विकेट) और मोहित शर्मा (24 विकेट) ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया है। वहीं बल्लेबाजी में गिल के अलावा पंडा ने 325 रन बनाये हैं। चेन्नई के लिये डेवोन कोंवे (625 रन), रूतुराज गायकवाड़ (564 रन), अजिंक्य रहाणे 13 मैचों में 299 रन बना चुके हैं जबकि दुबे ने 386 रन बनाये हैं। इस आईपीएल में दुबे 33 छक्के लगा चुके हैं। गेंदबाजी में श्रीलंका के पथिराना ने 17 और देशपांडे ने 21 विकेट लिये।
गिल पर अंकुश लगाना चेन्नई के लिए टेढ़ी खीर
चेन्नई सुपर किंग्स के करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पांचवां आईपीएल खिताब जीतकर अपनी ‘विदाई’ को यादगार बनाना चाहेंगे लेकिन उनकी राह में गुजरात टाइटंस के शुभमन गिल के रूप में ऐसी ‘रन मशीन’ है जिसके बल्ले पर अंकुश लगाना इस सत्र में गेंदबाजों के लिये टेढी खीर साबित हुआ है। आईपीएल फाइनल में ‘मिडास टच’ के लिये मशहूर एक अनुभवी कप्तान का सामना एक ऐसे युवा बल्लेबाज से है जो तकनीक में भी माहिर है लिहाजा दर्शकों को मनोरंजन की पूरी सौगात मिलेगी।
एक भारतीय क्रिकेट का सुनहरा इतिहास है तो दूसरा आने वाले उज्ज्वल कल।
धोनी के भारतीय टीम में पदार्पण के समय चार साल के गिल
19 साल पहले जब युवा धोनी भारतीय टीम में पदार्पण की तैयारी कर रहे थे तब 4 साल का गिल पाकिस्तान सीमा पर पंजाब के फजिल्का गांव में अपने दादा द्वारा हाथ से बनाये गए बल्ले से अपने बड़े से खेत में खेल रहा था। 3 शतक और 851 रन बना चुके गिल पर अंकुश लगाना सीएसके के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
दीपक चाहर की स्विंग या रविंद्र जडेजा की विकेट पर गेंदबाजी। मोईन अली की आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद या मथीषा पथिराना की सीधे पैर पर पड़ती गेंद कोई नहीं जानता कि तकनीक के धनी गिल की एकाग्रता किस गेंद पर भंग होगी।