

सर्जना शर्मा
नयी दिल्ली : पहली बार खो-खो विश्व कप का आयोजन करके भारत खेल की दुनिया में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। सोमवार 13 जनवरी से आरंभ हो रहे विश्व कप में पुरुषों की 20 और महिलाओं की 19 टीम हिस्सा लेंगी। विदेशी टीमें नेपाल , पेरू, ब्राजील , भूटान , दक्षिण अफ्रीका , घाना, अर्जेंटीना, नीदरलैंड , ईरान, बांग्लादेश ,श्रीलंका , दक्षिण कोरिया , अमेरिका , पौलेंड, इंग्लैंड, जर्मनी, मलेशिया , ऑस्ट्रेलिया , केन्या , युगांडा, इंडोनेशिया से टीमें आ रही हैं। पाकिस्तान की टीम को अब तक वीजा नहीं मिला है। टीमों को चार-चार ग्रुपों में बांटा गया है हर ग्रुप में पांच टीमें है। कुल मिला कर 24 देशों की 41 खो-खो टीमें हिस्सा ले रही है ।
खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने सन्मार्ग को बताया कि उनकी फेडरेशन खो-खो को विश्व स्तरीय ग्लोबल खेल बनाने और सर्वश्रेष्ठ एथलीट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मजबूत बहु अनुशासनात्मक तरीके अपनाते हुए खिलाड़ियों को ऐसे तैयार करना है जिससे कि वे बेहतर से बेहतर खेल सकें और उनको कम से कम चोट लगे। मित्तल ने बताया कि खो-खो को विश्व कप 2025 एक विशाल आयोजन है जिसमें खिलाडियों और अधिकारियों समेत लगभग 800 प्रतिभागी हैं। भारत में विश्व कप आयोजित करने का उद्देश्य भारत में खेल संस्कृति को लोकप्रिय बनाना है ताकि खिलाड़ी विशेष रूप से युवा अपनी खेल क्षमताओं को बढ़ा सकें। सुधांशु मित्तल कहते हैं कि देश की माटी के खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा कर ओलंपिक खेलों की सूची में शामिल करवाना उनका सपना है और 2032 के ओलंपिक खेलों में खो-खो भी शामिल होगा ये उनका पक्का इरादा और लक्ष्य है। खो-खो विश्व कप की भारत में मेजबानी इस दिशा में एक ठोस कदम है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सोमवार को केंद्रीय खेल मंत्री और इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद पी टी उषा एक भव्य समारोह में खो-खो विश्व कप 2025 का उद्घाटन करेंगी।