अलीपुरदुआर : चाय उद्योग की बदहाली को लेकर उत्तर बंगाल की राजनीति एक बार फिर तेज़ हो गई है। सोमवार को अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी ब्लॉक में दौरे पर आकर बंद चाय बागान व चाय श्रमिकों की समस्याओं के विषयों पर प्रश्न करने पर उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने आरोप लगाया कि बंद पड़े कई चाय बागानों के मालिक सिर्फ बयान और वोटों से ही नहीं, बल्कि भाजपा को आर्थिक मदद देकर भी मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चाय बागानों के विकास के लिए सड़क निर्माण, क्रेश हाउस, स्वास्थ्य केंद्र सहित कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। लेकिन केंद्र सरकार चाय बागानों के लिए क्या कर रही है, यह बड़ा सवाल है। उदयन गुहा ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ व्यवसायी ऑफ-सीजन आते ही बागान छोड़कर चले जाते हैं, और बाद में राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति का इस्तेमाल करते हैं।
उदयन गुहा ने विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारीको भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “वह चेंगराबांधा जैसे कृषि प्रधान इलाके में जाकर चाय बागानों पर शोर मचाते हैं। अगर वे सच में इतने चिंतित हैं, तो मालिक और मैनेजर के घर के सामने आंदोलन क्यों नहीं करते?
दूसरी ओर मंत्री के आरोपों पर भाजपा नेतृत्व ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कालचीनी के भाजपा विधायक विशाल लामा ने पलटवार करते हुए कहा,जो खुद गलत होते हैं, चोर होते है, वे दूसरों को भी वैसा ही समझते हैं। तृणमूल सरकार ने इतने वर्षों में चाय बागानों और श्रमिकों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि चाय श्रमिक आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं और राज्य सरकार केवल आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। सामने चुनाव में जनता ही इसका जवाब देगी। इधर, चाय बागानों को लेकर बढ़ता यह सियासी टकराव श्रमिकों की समस्याओं को फिर से चर्चा के केंद्र में ले आया है।