चाय बागान की समस्याओं को लेकर त्रिपक्षीय बैठक

- पहली बैठक में नहीं निकल पाया कोई अंतिम निर्णय, जल्द होगी दूसरी बैठक, बेईमानी जारी रहने पर उत्पादन प्रभावित, हजारों श्रमिकों की आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
Labour union and Dalsingpara tea garden officials participating in the meeting
Labour union and Dalsingpara tea garden officials participating in the meeting
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सन्मार्ग संवाददाता

सिलीगुड़ी : अलीपुरद्वार जिले का दलसिंगपाड़ा चाय बागान पिछले 4-5 महीनों से अत्यधिक समस्याओं से जूझ रहा है। आरोप है कि कुछ बेईमान लोग अपने स्वार्थ के लिए चाय बागान में अवैध गतिविधियां चला रहे हैं। कभी मिट्टी काटकर बेचना, कभी चाय की पत्तियों का अवैध व्यापार, इन गतिविधियों से श्रमिक और मालिक दोनों प्रभावित हो रहे हैं। चाय बागान अधिकारियों और श्रमिकों की ओर से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। इस संदर्भ में आखिरकार शुक्रवार को सिलीगुड़ी के दागापुर स्थित श्रमिक भवन में एक विशेष त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई।

बैठक में डालमोर चाय बागान के प्रबंधक और दलसिंगपाड़ा चाय बागान के अतिरिक्त प्रभारी अजय सिंह, आइटीपीए के बीरपाड़ा शाखा सचिव राम अवतार शर्मा, दलसिंगपाड़ा चाय समूह के चीफ अकाउंटेंट रमेश पारेख और अन्य अधिकारी शामिल हुए। श्रमिक संघ का प्रतिनिधित्व नकुल सुनार, रॉबिन रॉय, बीरेंद्र बारा, राजेश लकड़ा, जुगल किशोर झा आदि ने किया। सरकार का प्रतिनिधित्व संयुक्त श्रम आयुक्त गोपाल विश्वास, कलाल बनर्जी और अमित दास ने किया।

बैठक के बाद राम अवतार शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक सार्थक रही। हालांकि पहली बैठक में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन जल्द ही दूसरी बैठक होगी और सभी पक्षों को मिलकर समस्या का समाधान निकालने की उम्मीद है। दलसिंगपारा चाय बागान के श्रमिकों और मालिकों को डर है कि अगर इस तरह की बेईमानी जारी रही तो उत्पादन प्रभावित होगा और इसका असर हजारों श्रमिकों की आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसलिए सभी को दूसरे दौर की बैठक में प्रभावी कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

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