

सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : आपको कैसा लगेगा जब सुबह सुबह आपकी आंख खुले और घर के सामने सड़क किनारे ताबूत पड़ा दिखे। ऐसा ही कुछ माजरा रविवार सुबह सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 17 के खेलाघर मोड़ इलाके में पेश आया। यह देख हर कोई सन्न रह गया। हर किसी के मन व जुबान पर यही सवाल था कि सड़क पर ताबूत क्यों? एक ओर जहां कौतूहल पैदा हो गया, वहीं लोगों में गुस्सा भी था कि ऐसी गैर जिम्मेदाराना हरकत आखिर किसने की है और क्यों की है? कई लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए और स्थानीय पार्षद, वार्ड समिति के सदस्यों और पुलिस को घटनास्थल पर बुलाया गया। कुछ ही देर में सिलीगुड़ी पुलिस वहां पहुंच गई।
पूछताछ के बाद पता चला कि सिलीगुड़ी वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन नामक एक स्वयंसेवी संस्था पर्यावरण दिवस के अवसर पर जागरूकता डॉक्यूमेंटरी शूटिंग कर रही थी। ताबूत का उपयोग एक मृत वृक्ष के प्रतीक के रूप में किया जा रहा था, जो ग्लोबल वार्मिंग के युग में भावी पीढ़ियों के सामने आने वाले ऑक्सीजन संकट का संदेश दे रहा था। हालाँकि, विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने प्रशासनिक अनुमति लिए बिना शूटिंग शुरू कर दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उन्हें बताया कि पुलिस और नगर निगम की अनुमति के बिना शूटिंग नहीं की जा सकती। संगठन को आज इस बारे में चेतावनी दी गई।
हालांकि उन्होंने शूटिंग बंद कर दी। इस मुद्दे पर स्थानीय निवासी देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा कि बिना अनुमति के ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए। सदस्य सुमित्रा पाल कर्मकार ने कहा जागरूकता का काम अवश्य होना चाहिए, लेकिन नियमों के अनुसार। इधर,सिलीगुड़ी वेलफेयर सदस्य आलोक दास ने कहा कि इस तरह की शूटिंग पहले भी हो चुकी है,लेकिन तब अनुमति की जरूरत नहीं पड़ी थी। इसलिए इस बार भी अनुमति नहीं लिया गया।