

सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में आए दिन चोरी-चकारी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। जिससे शहरवासियों को अंधेरे जगहों से गुजरने में भय सताने लगता है। इतना ही नहीं स्ट्रीट लाइट जलने व सड़क पर उजाला होने के बावजूद छिनतई की घटनाएं घट रही है। सिलीगुड़ी में डार्क स्पॉट की खबर सामने आने के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं। बहुत से लोग अनेक प्रश्न पूछ रहे हैं। यह डार्क स्पॉट क्या है? पुलिस के बाद अब उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग ने सिलीगुड़ी शहर में 'डार्क स्पॉट' को लेकर चिंता व्यक्त की है। अध्ययन के बाद उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा सनसनीखेज जानकारी पेश की गई है।
सिलीगुड़ी में एक या दो नहीं, बल्कि अनेक स्थान डार्क स्पॉट के रुप में चिह्नित है। सिलीगुड़ी न केवल उत्तर बंगाल बल्कि पूरे राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। यह 'व्यापार का शहर' पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है। यह शहर पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और पड़ोसी राज्यों बिहार और सिक्किम से घिरा हुआ है। यहां की जनसंख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस दृष्टि से, इस महत्वपूर्ण शहर में डार्क स्पॉट की पहचान करने के लिए नासा के रात्रि प्रकाश डेटा का उपयोग करके अनुसंधान चल रहा है।
उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ. इंद्रजीत रॉय चौधरी की देखरेख में विभाग के शोधकर्ता शुभम ने अपने शोध के माध्यम से सिलीगुड़ी के डार्क स्पॉट के पहलुओं को प्रकाश में लाया। शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही नशीले पदार्थों की तस्करी और चोरी-डकैती समेत आपराधिक गतिविधियों को रोकने में इस डार्कपॉट की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। डार्क स्पॉट का प्रचलन पहले से ही अपने चरम पर है। मालूम हो कि यह डार्क स्पॉट चंपासारी, समरनगर, शालुगढ़ा, ईस्टर्न बाईपास, पतिरामजोत, सिलीगुड़ी के 42, 46, 47, 31, 40, 41 विभिन्न वार्डों के अंतर्गत आते हैं। सिलीगुड़ी का यह डार्क स्पॉट मैप इस कार्य को शीघ्र पूरा कर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एनजेपी से एनबीयू तक डार्क स्पॉट उभर कर है आए
शुभम के शोध के बारे में उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में भूगोल के प्रोफेसर डॉ. इंद्रजीत रॉय चौधरी ने कहा कि भारत में यह पहली बार है कि नासा के नाइट लाइट डेटा का उपयोग करके सिलीगुड़ी में इस डार्क स्पॉट की खोज का काम शुरू हुआ है। इनमें सिलीगुड़ी के एनजेपी से लेकर उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के समीप स्थित विभिन्न स्थानों पर यह डार्क स्पॉट उभरकर सामने आए हैं। वर्तमान में यह अंधेरे स्थान अपराधियों के लिए मुख्य हॉट स्पॉट हैं। हालांकि फिलहाल यह काम सिलीगुड़ी में शुरू हुआ है, लेकिन आने वाले दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में इन डार्क स्पॉट की पहचान की जाएगी और डार्क स्पॉट की पहचान कर एक पूरा नक्शा तैयार किया जाएगा। इस मानचित्र को बनाकर प्रशासन के सहयोग से इन डार्क स्पॉट्स में लाइटों की संख्या बढ़ाने तथा पुलिस गश्त बढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो चोरी और डकैती सहित विभिन्न आपराधिक कृत्यों की संख्या में काफी कमी आएगी।