गणेश पूजा की भक्ति में डूबा सिलीगुड़ी

- केदारनाथ, डिजनीलैंड से लेकर शिवलिंग में विराजे बप्पा, सामाजिक सेवा व थीम पंडाल बने आकर्षण का केंद्र - गणेश उत्सव ने धार्मिक आस्था के साथ सामाजिक सौहार्द का संदेश भी दिया
Bappa seated in Shivling
Bappa seated in Shivling
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सिलीगुड़ी : गणेश चतुर्थी अब सिर्फ़ महाराष्ट्र तक सीमित पर्व नहीं रहा। इस बार उत्तर बंगाल के सांस्कृतिक हब सिलीगुड़ी में भी गणपति बप्पा की आराधना ने महाराष्ट्र जैसी भव्यता को पीछे छोड़ते हुए एक नई मिसाल कायम की है। शहर के विभिन्न इलाकों में इस बार के पंडालों की सजावट ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहीं उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई, तो कहीं इंडियागेट, डिज़नीलैंड, और शिवलिंग के अंदर विराजे गणपति बप्पा की थीम ने लोगों का मन मोह लिया।

डिफेंस पार्टी क्लब – बुज़ुर्गों और दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान

कॉलेज मोड़ स्थित गणेश पूजा डिफेंस पार्टी क्लब ने इस बार अपने आयोजन को न सिर्फ़ धार्मिक, बल्कि सामाजिक रूप भी दिया। सेक्रेटरी विप्लव सरकार और अध्यक्ष पिंटू शाह ने बताया कि यह पूजा स्थल पिछले चार वर्षों से पूजा का केंद्र रहा है। इस वर्ष 3 लाख रुपये के बजट में आयोजन किया गया, जिसमें अनाथ बच्चों और वृद्धों को विशेष आमंत्रण, वस्त्र दान, प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था शामिल रही। पूजा 3 सितंबर तक चलेगा, जिसके बाद गणपति विसर्जन होगा।

रुचिरा मालाकर का पारिवारिक आयोजन, श्रद्धा और सेवा का संगम

आलू चौधरी मोड़ स्थित रुचिरा मालाकर के निवास पर इस वर्ष पारिवारिक गणेश पूजा का आयोजन किया गया है। उनके पिता शंकर मालाकर के सहयोग से हो रहे इस आयोजन में विशेष भंडारे की व्यवस्था, स्थानीय समुदाय की भागीदारी ने कार्यक्रम को धार्मिक एकता और क्षेत्रीय सौहार्द का केंद्र बना दिया है।

कॉलेज पाड़ा - 12वीं वर्षगांठ में बप्पा का भव्य स्वागत

कॉलेज पाड़ा गणेश पूजा समिति ने इस वर्ष अपने आयोजन के 12वें वर्ष में प्रवेश किया। अध्यक्ष सुतिर्तो मुखर्जी के अनुसार, पूजा का उद्देश्य केवल भक्ति नहीं, सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता है। इस बार का बजट 8 लाख रुपये है और इसमें भव्य पंडाल सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या, प्रमुख आकर्षण हैं।

शिवलिंग में विराजे बप्पा- जलपाईमोड़ में अद्वितीय थीम

जलपाईमोड़ गणेश पूजा समिति ने इस वर्ष अपने पंडाल को शिवलिंग के रूप में रूपांतरित किया है, जिसके भीतर विराजे हैं गणपति बप्पा। यह विशेष थीम श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक चर्चा और आकर्षण का विषय बना हुआ है।

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