

सिलीगुड़ी : शहर के बीचों-बीच जीवन रेखा सरीखी बहने वाली महानंदा नदी का हाल बदहाल होता हा रहा है। इसके अस्तित्व को बचाने को 'महानंदा बचाओ अभियान' नामक संगठन लोगों के वीच बहुचर्चित पहचान लेकर उभरा है। महानंदा नदी की समय-समय पर सफाई करना, महानंदा नदी के किनारे आरती का आयोजन, आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को शिक्षा दान, मानव तस्करी के विरुद्ध जागरुकता अभियान में यह संस्था अग्रणी है।
इसे लेकर पेश हैं महानंदा बचाओ अभियान संगठन के संस्थापक समाजसेवी अरुणांशु शर्मा से खास हुई बातचीत के अंश :-
प्रश्न : आपकी संस्था कब से और किस चीज को लेकर कार्यरत है ?
उत्तर : 2019 में गुरुकुल यूथ ग्रुप के बच्चों के साथ महानंदा बचाओ अभियान की शुरुआत की। यह अभियान महानंदा नदी को बचाने व संरक्षण को लेकर कार्यरत है।
प्रश्न : आपकी संस्था के अब तक के सफर को आप किस तरह देखते हैं ?
उत्तर : गुरुकुल यूथ ग्रुप संग शुरू की गई इस छोटी सी मुहिम के साथ सिलीगुड़ी की छोटी-छोटी संस्थाएं जुड़ने लगीं। प्रशासन ने भी बहुत सहयोग किया। महानंदा के प्रति प्रशासन जागरूक हुआ और महानंदा बचाओ अभियान को लेकर प्रशासन अब भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
प्रश्न : अब तक की बड़ी बड़ी उपलब्धियां क्या है?
उत्तर : सिलीगुड़ी शहर के लिए महानंदा नदी जीवन रेखा से कम नहीं है लेकिन समय के साथ महानंदा नदी ने अपना स्वरूप खो दिया था। इस अभियान के बाद काफी हद तक महानंदा नदी को लेकर सरकार सतर्क हुई है। वर्तमान में वाराणसी गंगा आरती के तर्ज पर महानंदा आरती होती है।
प्रश्न : आगे भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
उत्तर: महालया में महानंदा बचाओ अभियान के तहत एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी। वहीं, विभिन्न तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। उसके अलावा विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों को लगातार महानंदा बचाओ अभियान के तहत जागरूक करने की कोशिश जारी रहेगी।
प्रश्न : संदेश क्या देंगे ?
उत्तर : महानंदा पूर्ण रूप से स्वच्छ नहीं हुई है। शहर के जितने भी बड़े-बड़े नाले हैं, महानंदा से जुड़े हुए हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। फिर भी पहले की तुलना में महानंदा नदी की हालत काफी सुधरी है। आरती होती है, लेकिन आरती से ज्यादा नदी को पूर्ण रूप से स्वच्छ करने के प्रति ध्यान देने की आवश्यक्ता है।
एक नजर : महानंदा बचाओ अभियान
स्थापना : 2019
वर्तमान सदस्य संख्या : 150
सेवा कार्य : महानंदा नदी की समय-समय पर सफाई, महानंदा नदी के किनारे आरती का आयोजन, आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को शिक्षा दान, मानव तस्करी के विरुद्ध जागरुकता अभियान