भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए जाति, धर्म, वर्ग भूल कर सभी को एकजुट होना होगा : सलीम

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए जाति, धर्म, वर्ग भूल कर सभी को एकजुट होना होगा : सलीम
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मालदह : मांग पूरा करवाने के लिए जात, धर्म, वर्ग, भाषा सब कुछ भूल कर सभी को एकजुट होना होता है। लोगों के बीच जितने भेदभाव बढ़ेंगे लुटेरों को उतना मौका मिलेगा। यह बातें माकपा के राज्य सचिव तथा पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहीं। मोहम्मद सलीम ने भाजपा व तृणमूल कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा।

सलीम ने कहा, 20 अप्रैल को सीटू, अखिल भारतीय कृषक सभा, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन व बस्ती उन्नयन समिति ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रैली का आह्वान किया है। यह मेहनतकश लोगों की ब्रिगेड है। दवाइयों से लेकर रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं और बेकरी का खर्च बढ़ रहा है। लेकिन लोगों की आमदनी कम हो रही है। बच्चे बड़े हो रहे हैं। उनके लिए जो शिक्षा व्यवस्था थी, वह ध्वस्त हो गई है। आज स्कूल नहीं हैं। वाममोर्चा के जमाने में स्कूल बनाए गए थे। अब स्कूल बंद हो रहे हैं। वाममोर्चा के जमाने में स्कूल सेवा आयोग और मदरसा सेवा आयोग के जरिए हर साल शिक्षकों की भर्ती होती थी। 26 हजार शिक्षकों की नौकरी चली गई है। राज्य के मुख्यमंत्री, उनके भतीजे, उनकी पार्टी, उनकी सरकार, उनके शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग, स्कूल सेवा आयोग सभी ने शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार किया है। हर जगह भ्रष्टाचार किया गया है और पैसे के बदले नौकरियों की नीलामी की गई है। आज हर घर में बेरोजगार लोग हैं। सभी प्रकार के भ्रष्टाचार का अंत होना चाहिए। क्षेत्र में निष्पक्ष भर्ती होनी चाहिए। सभी रिक्त पद भरे जाने चाहिए। ताकि बेरोजगार लड़के दूसरे राज्यों में काम करने के बाद मृत अवस्था में घर न लौटें। लेकिन इन चीज़ों के लिए लड़ने के लिए, जाति, धर्म, रंग या भाषा की परवाह किए बिना सभी को एकजुट होना होगा।

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