कचरे के दुर्गंध के बीच रहने को विवश शांतिनगर हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लोग

कचरा फेंके जाने के कारण इलाके की जल निकासी व्यवस्था अवरुद्ध- मानसून के दौरान सड़कें और स्कूल के सामने का क्षेत्र हो जाता जलमग्न, आवाजाही में होती परेशानी
Local people protesting
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सिलीगुड़ी : डाबग्राम-2 ग्राम पंचायत अंतर्गत शांतिनगर हाउसिंग कॉम्प्लेक्स क्षेत्र बदबू और कचरे से भरा हुआ है। आस-पास के इलाकों से कचरा फेंके जाने के कारण इलाके की जल निकासी व्यवस्था अवरुद्ध हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मानसून के दौरान सड़कें और स्कूल के सामने का क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। आम लोगों और स्कूली छात्रों को आवागमन में परेशानी होती है। जिससे क्षेत्रवासियों का जीवन दूभर हो गया है।

निवासियों की शिकायत है कि कचरा फेंकने की कोई निश्चित जगह न होने के कारण, बाहरी लोग आसपास की खाली ज़मीन पर कचरा फेंक देते हैं। इससे जल निकासी व्यवस्था अवरुद्ध हो जाती है। घरों के सामने पानी भी जमा हो जाता है। यह बदबू साल-दर-साल उनके लिए जीना मुश्किल बना देती है। यहां तक कि इलाके के अंडरपास और खाली ज़मीनों पर असामाजिक गतिविधियां भी होती हैं और वहां नियमित रूप से शराब अड्डा चलता है।

महिला समिति ने आरोप लगाया कि पुलिस थाने, पंचायत प्रधान और लोक निर्माण विभाग से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। प्रधान के निर्देश पर पंचायत ने जेसीबी से नाले की आंशिक सफाई की। लेकिन, समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। इस संबंध में, पंचायत सदस्य राम उदय शर्मा ने कहा कि कल जेसीबी से इलाके के नाले की सफाई की गई थी, लेकिन एक दिन में पूरा काम पूरा करना संभव नहीं है।

दूसरी ओर, प्रधान मिताली मालाकार ने कहा कि कचरा निस्तारण को लेकर दो साल से चल रहे आंदोलन के बावजूद, लोक निर्माण निगम और एसजेडीए ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गौतम देव राजनीति कर रहे हैं क्योंकि उस इलाके में भाजपा का बोर्ड बना है। एसजेडीए के चेयरमैन दिलीप दुग्गर ने कहा कि इलाके का दौरा कर मामले की जांच करेंगे।

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