उत्तर बंगाल में भारी बारिश की संभावना, रेड वार्निंग

उत्तर बंगाल में भारी बारिश की संभावना, रेड वार्निंग
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सन्मार्ग संवाददाता, सिलीगुड़ी ः उत्तर बंगाल के जिलों में अगले दो-तीन दिन भारी बारिश की संभावना है। इसे लेकर भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अंतर्गत भारत मौसम विज्ञान विभाग के कोलकाता के अलीपुर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अलग-अलग दिनों के लिए 'रेड वार्निंग', 'ऑरेंज वार्निंग' व 'येल्लो वार्निंग' जारी की गई है। 'रेड वार्निंग' का मतलब भारी से अति भरी बारिश है। 'ऑरेंज वार्निंग' का आशय मध्यम से भारी एवं 'येल्लो वार्निंग' का आशय मध्यम से हल्की बारिश है। कहा गया है कि उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश से पूर्वी विदर्भ तक समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। वहीं, अनुकूल चक्रवात के कारण अगले दो दिनों के दौरान उत्तर बंगाल में तेज नमी के साथ गरज के साथ आंधी और भारी वर्षा की संभावना है। गत 31 मई की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों के अंदर अलीपुरद्वार जिला के बक्सादुआर व हांसीमारा में 23 सेंटीमीटर, बीच चाय बागान में 21 सेंटीमीटर, दार्जिलिंग जिला के सेवक में 23 सेंटीमीटर, जलपाईगुड़ी जिला के हिल्ला चाय बागान क्षेत्र में 17 सेटीमीटर, चेंगमारी व डायना क्षेत्र में 16 सेंटीमीटर एवं बानरहाट क्षेत्र में 15 सेंटीमीटर बारिश हुई।

मौसम के पूर्वानुमान के तहत चेतावनी में कहा गया है कि अगले दो-तीन दिन उत्तर बंगाल में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। जबकि, अलीपुरद्वार में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी (07-20 सेमी) बारिश होने की संभावना है। वहीं, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी (7-11 सेमी) बारिश होने की संभावना है। उत्तर बंगाल के सभी जिलों में एक या दो स्थानों पर बिजली गिरने के साथ आंधी-तूफान आने की संभावना है। ऐसे ही कालिम्पोंग, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश एवं गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। उत्तर बंगाल के जिलों में कई स्थानों पर भारी (7-11 सेमी) बारिश होने की संभावना है, जबकि उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कालिम्पोंग और कूचबिहार जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी (7-11 सेमी) बारिश होने की संभावना है।

क्या होगा भारी बारिश का असर

खड़ी फसलों, सब्जियों और बागवानी को कुछ नुकसान पहुंचेगा। विशेष रूप से खुले मैदानी क्षेत्रों में बिजली गिरने का खतरा होगा। निचले इलाकों में अस्थायी जलभराव और कमजोर कच्चे घरों की दीवार गिरने की संभावना, कमजोर ढांचे, कच्ची सड़क, झोपड़ियों आदि को नुकसान पहुंच सकता है। शहरी क्षेत्रों में यातायात में व्यवधान उत्पन्न होगा। बादल व घाटी कोहरे के कारण उत्तर बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में दृश्यता में कभी-कभी कमी (1 किमी से कम) हो सकती है। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों के पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा होगा। तीस्ता, जलढाका, सुंकोश, तोर्षा व महानंदा जैसी नदियों में जल स्तर में वृद्धि हो सकती है।

भारी बारिश के दौरान क्या करें, क्या न करें

मौसम विभाग की ओर से लोगों को सलाह दी गई है कि वे खराब होती परिस्थितियों के लिए मौसम पर नजर बनाए रखें और तदनुसार सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहें। आंधी-तूफान की गतिविधि के दौरान सुरक्षित स्थान पर शरण लें। पेड़ाें व बिजली के खंभे के नीचे शरण लेने से बचें और जल निकायों के संपर्क से बचें। यातायात को विवेकपूर्ण तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। असुरक्षित कच्चे घरों में रहने और जलभराव वाले निचले इलाकों में जाने से बचें। पर्यटन और मनोरंजक गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकता है।

5 महीनों के लिए खुला कंट्रोल रूम

उत्तर बंगाल में भारी बारिश के खतरे के मद्देनजर सिलीगुड़ी समेत दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार व अलीपुरद्वार जिला क्षेत्रों के लिए जलपाईगुड़ी में जल विभाग के दफ्तर में कंट्रोल रूम कायम किया गया है। इसका शुभारंभ एक जून को सुबह 06ः00 बजे से हो गया। यह कंट्रोल रूम आगमी 31 अक्टूबर तक काम करेगा। इस दौरान यह हर दिन 24 घंटे ही खुला रहेगा। उपरोक्त चार जिलों की 42 नदियों समेत पूरे उत्तर बंगाल की लगभग 150 नदियों के जलस्तर की नगिरानी, बारिश की चेतावनी, मौसम के प्रभावों आदि पर नजर रखते हुए यह आवश्यक चेतावनी देते हुए आवश्यक उपायों के प्रति सबको सजग रखेगा।

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