बागडोगरा एयरपोर्ट पर बिगड़े यात्री, दो दिन में कई फ्लाइटें रद्द

- इलाज, नौकरी और जरूरी यात्राओं की योजनाएं तहस-नहस! एयरलाइंस पर मनमानी के आरोप, विरोध जताने के बाद यात्रियों ने रखी विभिन्न मांगें
 File photo of Bagdogra Airport
File photo of Bagdogra Airport
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सिलीगुड़ी : बागडोगरा एयरपोर्ट पर पिछले 48 घंटों से चल रहे फ्लाइट कैन्सिलेशन संकट ने यात्रियों को गुस्से से उबाल पर पहुंचा दिया है। बुधवार और गुरुवार को एक के बाद एक कई उड़ानों के अचानक रद्द हो जाने से यात्री,जिनमें गंभीर बीमारी के इलाज के लिए बेंगलुरु जा रहे मरीज से लेकर जरूरी काम पर जा रहे लोग भी शामिल हैं,भारी मुसीबत में फंस गए। समय पर गंतव्य तक न पहुंच पाने के कारण एयरपोर्ट परिसर में ही यात्रियों ने खुलकर नाराज़गी जताई और एयरलाइंस पर मनमानी, जानकारी छिपाने और यात्रियों के साथ गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के आरोप लगाए।

दो दिन ‘बेंगलुरु फ्लाइट’ रद्द, मरीजों की अपॉइंटमेंट छूटी

बुधवार दोपहर 12:30 की बेंगलुरु जाने वाली उड़ान को अचानक रद्द कर दिया गया। यात्रियों को अगले दिन सुबह 9:20 की फ्लाइट का विकल्प दिया गया। लेकिन गुरुवार सुबह एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें फिर झटका लगा,वह फ्लाइट भी रद्द! यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन और एयरपोर्ट दोनों ही स्पष्ट कारण देने से बच रहे हैं। लगातार पूछने पर बस इतना कहा गया कि तकनीकी समस्या है। यात्रियों ने सवाल उठाया कि अगर दो दिनों में लगातार दो फ्लाइट रद्द होती हैं, तो क्या समस्या इतनी बड़ी नही है कि उसे दो दिन में भी ठीक नहीं किया जा सका?

इलाज करवाने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित

बेंगलुरु के अस्पतालों में निर्धारित तारीख पर जाने वाले कई मरीजों ने कहा कि फ्लाइट रद्द होने से उनकी चिकित्सा की समय-सारणी बिगड़ गई। किसी की डॉक्टर से मिलने की अपॉइंटमेंट छूट गई, तो किसी को महंगी तारीख फिर से लेनी पड़ी। एक यात्री ने कहा कि हम इलाज कराने जा रहे हैं, घूमने नहीं। लेकिन एयरलाइन को हमारी परेशानी की कोई परवाह ही नहीं!

कामकाजी व व्यावसायिक यात्रियों का भी नुकसान

कई ऑफिसियल यात्रियों और बिजनेस ट्रैवलर्स का कहना है कि फ्लाइट रद्द होने से उनके जरूरी मीटिंग्स और शेड्यूल गड़बड़ा गए, जिससे आर्थिक नुकसान भी हुआ।

गुस्से में फूट पड़े यात्री

गुरुवार को एयरपोर्ट परिसर में दर्जनों यात्रियों ने एयरलाइन और एयरपोर्ट प्रबंधन के खिलाफ खुलकर विरोध जताया। उनकी प्रमुख मांगें थी कि फ्लाइट रद्द करने का स्पष्ट और सार्वजनिक कारण बताया जाए,यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और पर्याप्त मुआवजा मिले,लगातार रद्द हो रही उड़ानों की जांच की जाए,यात्री सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाए।

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