

सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) के अंबिकानगर अंडरपास व इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) से सटे अंडरपास की स्थिति दयनीय हो गई है। पिछले साल सड़कों की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन इस साल फिर बरसात का मौसम शुरू होने से पहले पूरानी स्थिति उत्पन्न हो गई। कुछ दिनों से सिलीगुड़ी में बरसात का मौसम देखने को मिल रहा है। बरसात के मौसम में जमा पानी और अन्य समय में धूल से कोई निजात नहीं है। पैदल चलने वालों को चोट लगती है। सफेद शर्ट पहने और स्कूटी चलाते माइकल मधुसूदन कॉलोनी के पंकज साहा पानी जमा होने के कारण भींग गए।
अंबिकानगर अंडरपास पार कर सड़क के किनारे खड़े हो गये। नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अंडरपास की हालत काफी समय से खराब है। थोड़ी सी बारिश होने पर भी क्षतिग्रस्त सड़क पर पानी जमा हो जाता है। ऊपर से गंदा पानी टपककर शरीर पर गिर रहा था। बारीभासा निवासी निर्मल मजूमदार ने कहा कि इस अंडरपास से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक गुजरते हैं। यह सड़क कई वर्षों से जर्जर अवस्था में है। दुर्घटना होने का खतरा है। दोनों अंडरपास की वर्तमान स्थिति कई लोगों के लिए चिंता का कारण है। नवापारा की सविता बर्मन ने बताया कि कुछ दिन पहले अंबिकानगर अंडरपास से गुजरते समय टोटो का पहिया गड्ढे में फंस जाने से वह पलट गई।
उस दिन सविता को मामूली चोट लगी थी। सबसे अधिक समस्याएं सुबह के समय होती हैं। उस समय कार्यालय कर्मचारी और छात्र अपने गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी में होते हैं। रविवार को छोड़कर सभी दिनों में कभी-कभी ट्रैफिक जाम होता है। अंबिकानगर में सड़क का रखरखाव रेलवे करता है। एनजेपी का एडीआरएम कार्यालय अंडरपास से कुछ ही दूरी पर है।
अंबिकानगर निवासी राजू सेन ने कहा कि अंडरपास करीब आठ साल पहले बना था। निर्माण के एक वर्ष बाद ही समस्याएं उत्पन्न होने लगीं। पता नहीं, सुधार क्यों नहीं हो रहा है। वहीं, स्थानीय भाजपा विधायक शिखा चटर्जी की भूमिका को सवालों के घेरे में लिया गया। हालांकि, शिखा चटर्जी ने कहा कि उन्होंने रेलवे से इस मामले पर गौर करने को कहा है। एडीआरएम अजय सिंह ने कहा था कि अंबिका अंडरपास के लिए ऊपरी आवंटन हेतु आवेदन बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। उम्मीद है जल्द इस अंडरपास का काम शुरू हो जाएगा।