

मालदह : युद्ध की स्थिति में सायरन बजने पर किस प्रकार सतर्क रहना चाहिए, इस संबंध में एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने सीमावर्ती स्कूल में मॉक ड्रिल के माध्यम से लोगों को जानकारी दी। ओल्ड मालदह के एक निजी स्कूल में बुधवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल के प्रशिक्षक व पूर्व सेना अधिकारी बिप्लब झा ने बताया उनके साथ अग्निशमन विभाग के कर्मचारी और स्कूल शिक्षक भी मौजूद थे। पाकिस्तान के साथ युद्ध की संभावना को देखते हुए युद्ध के दौरान सुरक्षित रहने के लिए स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें प्रशिक्षित किया गया कि युद्ध से पहले सायरन बजने पर वे अपनी रक्षा कैसे करें। यदि कोई घर के बाहर या कक्षा, कार्यालय या कोर्ट में है तो कैसे सुरक्षित स्थान पर जाएं और अचानक सायरन बजने पर कैसे दोनों उंगलियां कानों में डालकर जमीन पर छिप जाएं। रात में जब सायरन बजता है तो घर की सभी लाइटें बंद कर देनी चाहिए।
ब्लैकआउट के लिए कर दें घर की लाइटें बंद
ब्लैकआउट के लिए घर की लाइटें बंद कर देनी चाहिए। इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई तथा छात्रों समेत लोगों को भौतिक प्रदर्शन कर दिखाया गया। स्कूल के प्रिंसिपल सौमेन सरकार ने कहा कि पूरे देश में युद्ध के दौरान सतर्क रहने के लिए लोगों को मॉक ड्रिल के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। केंद्र सरकार ने 7 मई को मॉक ड्रिल करने के लिए राज्य को निर्देश दिया है। उस निर्देश के अनुपालन में, हमने छात्रों और उनके अभिभावकों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्रदान कराया। पूर्व सैनिक बिप्लब झा ने कहा, हवाई हमले से पहले सायरन बजेगा। हमारे पास भारत में उन्नत तकनीक है। मैंने आपको दिखाया कि सायरन बजने पर आपको क्या करना है। उस समय आप अपने कानों में उंगलियाँ डालकर जितना संभव हो सके उतना नीचे झुककर खुद को बचा सकते हैं। खासकर स्कूल में या ऑफिस से जब रहे तो 50 मीटर दूर मैदान में जाकर लेट जाएं या सो जाएं। यदि कोई बेस या आधार है, तो आपको वहां जाकर अपना बचाव करना चाहिए। जब आप वापस उठने वाले हों और कोई मिसाइल गिर जाए तो वहां ज्यादा देर तक न रुकें, पांच से दस मिनट के बाद वहां से निकल जाएं और किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।