युद्ध-युद्ध की हवा में पर्यटन पर चिंता के बादल

विदेशी पर्यटकों की आमद रुकी, देसी पर्यटकों की आमद भी प्रभावित, अभी फिलहाल बुकिंग कैंसिलेशन ज्यादा नहीं, नई बुकिंग हुई कम
युद्ध-युद्ध की हवा में पर्यटन पर चिंता के बादल
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इरफान-ए-आजम, सिलीगुड़ी ः भारत-पाक युद्ध की हवा के चलते यहां दार्जिलिंग पहाड़ व डूआर्स समेत पूरे उत्तर बंगाल के पर्यटन पर चिंता के बादल छा गए हैं। विदेशी पर्यटकों की आमद एकदम रुक गई है और देसी पर्यटकों की आमद भी प्रभावित होने लगी है। युद्ध-युद्ध की आशंका के मद्देनजर ही ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। हालांकि, अभी फिलहाल पहले की बुकिंग कैंसिलेशन ज्यादा नहीं हो रही है लेकिन नई बुकिंग बहुत कम हो गई है। इसे लेकर टूर एंड ट्रैवेल ऑपरेटर्स से लेकर टैक्सी वालों एवं लॉज, होटलों व रेस्तरां वालों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।

इस बारे में एसोसिएशन फाॅर कन्जर्वेंशन ऑफ टूरिज्म (एक्ट) के समन्वयक जाने-माने पर्यटन उद्यमी राज बसु कहते हैं कि भारत-पाक युद्ध-युद्ध की परिस्थिति का अभी फिलहाल यहां दार्जिलिंग व डूआर्स समेत उत्तर बंगाल के पर्यटन पर बहुत व्यापक प्रभाव नहीं पड़ा है। मगर, कुछ-कुछ प्रभाव पड़ना शुरू जरूर हो गया है। लॉज व होटलों, एवं टैक्सी आदि की देसी पर्यटकों द्वारा पहले से ही की हुई बुकिंग कैंसिलेशन बहुत ज्यादा नहीं हो रही है लेकिन नई बुकिंग जरूर प्रभावित हुई है। 'इन-बाउंड' यानी विदेशी पर्यटकों की आमद एकदम रुक गई है। वे असमंजस की स्थिति में हैं कि आएं या न आएं या फिर बुकिंग कैंसिल कराएं। हम लोगों ने 'एक्ट' की ओर से उन लोगों से 72 घंटे का समय मांगा है कि आगे की परिस्थितियों को देख लिया जाए उसके बाद ही कोई पूर्ण निर्णय लिया जाए। अब आगे देखते हैं कि क्या होता है।

वहीं, इस बारे में हिमालयन हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म डेवेलपमेंट नेटवर्क (एचएचटीडीएन) की ओर से जाने-माने पर्यटन उद्यमी सम्राट सान्याल का कहना है कि अभी फिलहाल ऐसा नहीं है कि बड़े पैमाने पर बुकिंग कैंसिलेशन शुरू हो गई है। मगर, कुछ-कुछ कैंसिलेशन हाेने शुरू हो गए हैं। अब आगे क्या होगा यह आगे की परिस्थिति पर निर्भर करेगा। उसे लेकर असमंज की स्थिति तो जरूर है। अनिश्चितता के मामले तो हैं पर्यटन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। मगर, अभी फिलहाल की बात की जाए तो देसी पर्यटकों की आमद बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुई है। दार्जिलिंग पहाड़ व डूआर्स क्षेत्र में पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की आवाजाही अच्छी है। अब रही बात 'इन-बाउंड' यानी विदेशी पर्यटकों की तो यहां सितंबर के बाद ही उनकी आमद ज्यादा होती है। मई-जून के समय भी वे आते हैं लेकिन बहुत पर वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर वह कम आमद भी एकदम रुक ही गई है। यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह जो जारी की है उसका असर पड़ा है। युद्ध-युद्ध की हवा को लेकर हर किसी के मन में असमंजस व अनिश्चितता की भी स्थिति है। अब आगे देखिए क्या होता है।

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