पत्नी के हत्यारे पति को फांसी की सजा

बेटे की गवाही को अदालत ने माना अहम, 15 लोगों ने दी गवाही, दो साल चला मुकमदा, प्रेम-विवाह के बाद विवाहेत्तर संबंध ने बर्बाद किया
पत्नी के हत्यारे पति को फांसी की सजा
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जलपाईगुड़ी : पत्नी की हत्या करने वाले पति को जलपाईगुड़ी अतिरिक्त न्यायालय की तृतीय अदालत के न्यायाधीश बिप्लब रॉय ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। दो साल चले मुकदमे के बाद निचली अदालत से यह फैसला आया है। गवाहों में हत्यारे का बेटा भी शामिल है। उसकी गवाही सबसे अहम मानी गई। उसने अपनी आंखों के सामने अपने पिता द्वारा अपनी मां की हत्या होते देखा था। अदालत ने बेटे की गवाही के आधार पर सुजीत डे भौमिक (37 वर्ष) को अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई।

यह वारदात दो साल पहले की है। मृतका का नाम मिताली डे भौमिक (32) था। उसका घर मयनागुड़ी थाना अंतर्गत धारलागुड़ी के सरकार पाड़ा इलाके में है। मृतका मिताली की मां, बहन और परिवार के अन्य सदस्य अदालत के इस फैसले से खुश हैं। वहीं, हत्यारे सुजीत का घर डांगापारा में है जो मिताली के घर के पास ही है। बताया जाता है कि सुजीत ने 12 साल पहले मिताली से प्रेम विवाह किया था। सुजीत की अपने घर के बगल में किराने की दुकान थी। आरोप है कि शादी के बाद से ही सुजीत अपनी पत्नी का मानसिक शोषण करता रहता था। मिताली ने एक-दो बार अपने पिता के घर से नकदी लाकर भी सुजीत को दी थी। फिर भी अत्याचार बंद नहीं हुआ।

वहीं, दूसरी ओर, मिताली को यह भी लगने लगा कि सुजीत का अब उसके प्रति पहले जैसा प्यार नहीं रहा। उसे पता चला कि उसके पति का नदिया की एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध है। 20 जून 2023 को मिताली के पिता मनमथ सरकार की मृत्यु हो गई। उस समय मिताली और उनकी बहन चैताली अंतिम संस्कार समारोह के लिए अपने पिता के घर थीं। सुजीत मिताली को लेकर अपने घर आ गया। एक-दो दिन बाद ही मिताली ने सुजीत को नदिया की महिला से फोन पर बात करते देखा। उस समय मिताली ने विरोध किया। दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। जब सुजीत और मिताली के बीच गरमागरम बहस हो रही थी, तब उनका आठ साल का बेटा भी वहां मौजूद था।

विवाद के दौरान सुजीत ने घर में रखी कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी मिताली के सिर और शरीर के विभिन्न हिस्सों पर वार पर वार कर दिया। अपनी बेटी की चीखें सुन कर मिताली की मां कल्पना सरकार और 85 वर्षीय दादी हिरणबाला सरकार बगल के रसोईघर से दौड़ कर आईं। आरोप है कि सुजीत ने उस समय अपनी सास कल्पना और दादी सास हिरणबाला पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया था। तीनों लोगों को पहले मयनागुड़ी ग्रामीण अस्पताल और बाद में जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मिताली को मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर, कल्पना और हिरणबाला लंबे समय तक जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज में इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट आईं।

अदालत की नजर में यह दुर्लभतम मामला है। अदालत ने माना कि सुजीत ने अपनी मर्जी से मिताली से विवाह किया था लेकिन फिर भी वह अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता था। इसीलिए ऐसा हुआ। इतना ही नहीं उसने अपने बेटे और दो अन्य परिवार के सदस्यों के सामने अपनी पत्नी को मारने की कोशिश की। यह स्पष्ट है कि उसने यह काम जान-बूझ कर किया। घटना के बाद मिताली की बहन चैताली सरकार ने मयनागुड़ी थाना में शिकायत दर्ज कराई। उस शिकायत के आधार पर पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया। सुजीत को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की जांच मयनागुड़ी पुलिस स्टेशन के तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर राम कुमार रॉय को सौंपी गई।

इस मामले में सरकारी वकील प्रसेनजीत देब (पिंटू) ने कहा कि, "इस मामले में आरोपित के बेटे समेत कुल 15 लोगों की गवाही हुई है। न्यायाधीश ने आरोपित को दोषी करार देते हुए आज मौत की सजा सुनाई।" आज अदालत का फैसला सुनने के लिए मिताली का बेटा व बहन मौजूद थे। अपनी आंखों के सामने मां की हत्या होते देख बेटे के मन में पिता के प्रति कितनी नफरत थी यह बात आज अदालत का फैसला आने के बाद उजागर हो गई। मिताली का बेटा कोर्ट के बाहर बेंच पर बैठा था। जब जज ने सुजीत को मौत की सजा सुनाई तो बेंच पर बैठा लड़का काफी उत्साहित था। अदालत के फैसले से न केवल बेटा बल्कि मृतका की मां और परिवार के अन्य सदस्य भी खुश हैं। मिताली की मां कल्पना सरकार ने कहा कि, "हम सभी अदालत के फैसले से खुश हैं। मुझे मेरी बेटी कभी वापस नहीं मिलेगी लेकिन आज अदालत के फैसले से बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।" दूसरी ओर, सुजीत का दावा है कि वह इस मामले में निर्दोष है।

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