डब्ल्यूबीपीएससी परीक्षा में बांग्ला भाषा ज्ञान की अनिवार्यता रद करने की मांग

-आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, नॉर्थ बंगाल ट्राइबल यूथ एसोसिएशन, ऑल इंडिया आदिवासी लिबरेशन फ्रंट, यूनाइटेड फोरम फॉर आदिवासी राइट्स, उरांव समाज सभा आदि संगठनों ने भी किया मांग का समर्थन
DOOARS TARAI ADIVASI STUDENTS FORUM REGARDING INCLUSION OF HINDI LANGUAGE AS MODE OF EXAM IN WEST BENGAL PSC & WEST BENGAL POLICE SERVICE EXAM..jpg
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सन्मार्ग संवाददाता, सिलीगुड़ी ः डूआर्स-तराई आदिवासी स्टूडेंट्स फोरम ने वेस्ट बंगाल पब्लिक सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीपीएससी) की उस नई नीति का विरोध किया है जिसके तहत उसकी प्रतियोगी परीक्षा में बांग्ला भाषा ज्ञान की अहर्ता को अनिवार्य करार दिया गया है। इसे लेकर सोमवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फोरम के सदस्यों ने कहा कि इस नई नीति को अविलंब रद किया जाना चाहिए। समानता की नीति अपनाई जानी चाहिए। बंगालवासी हर भाषाभाषी को उनकी मातृभाषा में ही परीक्षा दिए जाने की सुविधा दी जानी चाहिए।

हिंदी, उर्दू, संथाली आदि भाषा के विद्यार्थियों को समान अवसर से वंचित नहीं किया जाए। इस मांग को लेकर हम लोगों ने डीएम के मार्फत सीएम को ज्ञापन भेजा है। आशा है सीएम इसे पूरी संवेदना के साथ देखेंगी व हमारी मांग पूरी करेंगी। डूआर्स-तराई आदिवासी स्टूडेंट्स फोरम की इस मांग को आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, नॉर्थ बंगाल ट्राइबल यूथ एसोसिएशन, ऑल इंडिया आदिवासी लिबरेशन फ्रंट, यूनाइटेड फोरम फॉर आदिवासी राइट्स, उरांव समाज सभा आदि संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।

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