दूधिया ब्रिज के अस्थायी वैकल्पिक ब्रिज का निर्माण जोरों पर

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनाया जा रहा ह्योम पाइप ब्रिज, पैदल यातायात हेतु बांस का छोटा चचरी पुल भी बनाया गया है, यातायात में परेशानी, लोगों ने की स्थायी ब्रिज निर्माण की मांग
दूधिया ब्रिज के अस्थायी वैकल्पिक ब्रिज का निर्माण जोरों पर
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सिलीगुड़ी ः शहर से थोड़ी दूर दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के मिरिक महकमा अंतर्गत दूधिया का प्रसिद्ध आयरन ब्रिज बीते 4-5 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके चलते उक्त क्षेत्र में क्षेत्रीय यातायात पूरी तरह ठप पड़ गया है। आम लोगाें को यातायात में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सो, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वहां तत्काल अस्थायी डायवर्जन ह्योम पाइप ब्रिज बनाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है जो जोरों पर है। हालांकि, इसके पूरा होने में अभी समय लगेगा। ऐसी परिस्थिति में लोगों ने वहां नदी पर छोटा सा बांस का चचरी पुल भी बनाया है ताकि किसी तरह पैदल आवाजाही हो सके।

उल्लेखनीय है कि दूधिया का प्रसिद्ध आयरन ब्रिज सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्र को दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के मिरिक महकमा को जोड़ने वाला एक प्रमुख संपर्क मार्ग था। गत दिनों भारी बारिश की चपेट में उक्त ब्रिज व उसके पिलरों के टूट जाने के चलते हजारों लोगों को रोजाना आवाजाही में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। याद रहे कि भारी बारिश और नदी में जलधारा के उफान के चलते उक्त ब्रिज के नीचे की मिट्टी बह जाने से पुल का एक हिस्सा धंस गया, जिससे उस पर आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया। घटना के बाद प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और सिविल डिफेंस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और स्थिति का आकलन किया। सुरक्षा कारणों से पुल को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है।

वर्तमान में प्रशासन ने तात्कालिक राहत के तौर पर डायवर्जन स्वरूप एक अस्थायी ह्योम पाइप ब्रिज निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। इस अस्थायी पुल से हल्के वाहनों और पैदल यात्रियों के आवागमन की सुविधा बहाल की जाएगी, ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके। अधिकारियों ने बताया कि यह अस्थायी ब्रिज जल्द ही तैयार हो जाएगा।

वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से केवल अस्थायी नहीं बल्कि यथाशीघ्र स्थायी ब्रिज निर्माण की भी मांग की है, क्योंकि उक्त मार्ग दैनिक कामकाज, लोगों की आवाजाही और आपूर्ति परिवहन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी आश्वासन दिया है कि दूधिया ब्रिज के पुनर्निर्माण के लिए जल्द ही स्थायी योजना तैयार की जाएगी। भारी बारिश के कारण हुए उक्त नुकसान ने एक बार फिर क्षेत्र की आधारभूत संरचना की कमजोरी को उजागर कर दिया है, जिस पर अब स्थानीय प्रशासन को गंभीरता से काम करना आवश्यक है।

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