हाथी के हमले से बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय क्षतिग्रस्त

हाथी के हमले से क्षतिग्रस्त बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय
हाथी के हमले से क्षतिग्रस्त बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय
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नागराकाटा: 5 अक्टूबर की विनाशकारी बाढ़ के बाद बामनडांगा चाय बागान में जनजीवन अब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है। इसी बीच बच्चों की पढ़ाई पर एक और बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। बिच लाइन स्थित बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय पर एक बार फिर दलछुट दंतैल हाथी ने हमला कर भारी नुकसान पहुंचाया। यह घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि चालू वर्ष में यह दूसरी बार है जब यह विद्यालय हाथी के हमले का शिकार हुआ है। विद्यालय के प्रधान शिक्षक राजू शाह ने बताया कि कई वर्षों तक स्कूल हाथियों की गतिविधियों से सुरक्षित रहा था, लेकिन हाल के दिनों में दोबारा हमले शुरू हो जाने से शिक्षक, छात्र और अभिभावक सभी दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में पठन-पाठन सुचारु रूप से कैसे चलेगा, यह सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है।नागराकाटा के विद्यालय निरीक्षक विजय चंद्र राय ने बताया कि समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, विद्यालय पहले से ही शिक्षक-कमी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यहां कुल 157 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जबकि स्थायी शिक्षक केवल दो हैं। इसके अलावा दो सहायक शिक्षक भी हैं, लेकिन कुल चार शिक्षकों में से दो पिछले डेढ़ महीने से एसआईआर कार्य के लिए बीएलओ के रूप में तैनात हैं। किसी तरह अस्थायी व्यवस्था के सहारे विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में हाथियों के लगातार हमले स्कूल प्रशासन के लिए बड़ी परेशानी बन गए हैं। आम तौर पर हाथी मिड-डे मील की खाद्य सामग्री के लालच में स्कूलों पर हमला करते हैं। इसी कारण यहां चावल, दाल और सब्जियों सहित सभी खाद्य सामग्री जमीन के नीचे बने कंक्रीट से घिरे और लोहे की प्लेट से ढंके एक गुप्त कक्ष में रखी जाती थी, जिससे न तो भोजन दिखाई दे और न ही उसकी गंध फैले। इसके बावजूद अब स्कूल हाथियों के निशाने पर क्यों आ रहा है, इसे लेकर सभी असमंजस में हैं। प्रधान शिक्षक का अनुमान है कि संभवतः कुछ मिलने की आशंका में ही हाथी ने हमला किया होगा। हमले में जिन कक्षाओं को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है, उनमें तीसरी कक्षा का कमरा शामिल है, जहां दीवारें लगभग गिरने की स्थिति में हैं। जुलाई महीने में हुए पिछले हमले में भी स्कूल के पीछे का हिस्सा और कक्षाओं की बरामदा क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसकी मरम्मत अब तक पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में विद्यालय की स्थिति खंडहर जैसी हो गई है। एक कक्षा में तो हाथी के हमले से कंक्रीट का चांगड़ दरवाजे पर इस तरह गिर पड़ा है कि काफी प्रयास के बावजूद उसे खोला नहीं जा सका।

हाथी के हमले से क्षतिग्रस्त बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय


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