भारतीय विमानन क्षेत्र में मील का पत्थर बनने की ओर बागडोगरा हवाई अड्डा

12 लाख वर्ग फुट से अधिक के निर्मित क्षेत्रफल वाले इस आगामी टर्मिनल को प्रति घंटे 1,000 यात्रियों को संभालने के लिए विकसित किया जा रहा है
भारतीय विमानन क्षेत्र में मील का पत्थर बनने की ओर बागडोगरा हवाई अड्डा
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सिलीगुड़ी ः पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी क्षेत्र में स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा भारत के विमानन क्षेत्र में मील का पत्थर बनने की ओर अग्रसर है। इसके नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण कार्य के साथ ही भारतीय विमानन अवसंरचना में एक क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। पूर्वी हिमालय को जोड़ने वाले एक स्थायी विमानन केंद्र के रूप में परिकल्पित इस टर्मिनल का उद्देश्य देशी-विदेशी विमान यात्रियों को यहां नए सिरे से परिभाषित विश्व स्तरीय सेवा प्रदान करना है।

पूर्वी हिमालय की तलहटी में स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा न केवल उत्तर बंगाल व सिक्किम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखता है। 12 लाख वर्ग फुट से अधिक के निर्मित क्षेत्रफल वाले इस आगामी टर्मिनल को प्रति घंटे 1,000 यात्रियों को संभालने के लिए विकसित किया जा रहा है। इस हवाई अड्डे की डिजाइन आर्किटेक्चर फर्म सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स द्वारा की जा रही है। इसके प्रबंध प्रमुख आर्किटेक्ट दीक्षु सी. कुकरेजा ने कहा कि, 'यह परियोजना आधारभूत संरचना से कहीं ज्यादा है। यह एयरपोर्ट वास्तुकला संदर्भ और जलवायु, दोनों के मद्देनजर बेजोड़ होने जा रहा है। यह वास्तव में पूर्वी हिमालय के जलवायु-अनुकूल डिजाइन के बतौर अद्वितीय है। बड़े स्पैन और बिना स्तंभों वाले अंदरूनी हिस्से, खुलेपन और दृश्यता प्रदान करते हैं। जबकि, चुनिंदा सामग्री पैलेट, प्राकृतिक वेंटिलेशन जोन और स्थानीय विरासत की झलक से लैस साज-सज्जा एक गर्मजोशी भरा, स्वागत करने वाला समां बनाएंगे। यात्रियों की निर्बाध आवाजाही, चेक-इन और बोर्डिंग के लिए यह बहुत अनुकूलित होगा। इससे क्षेत्रीय संपर्क और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्रियों के लिए भविष्य की क्षमता में आमूलचूल रूप से वृद्धि होगी।'

उन्होंने यह भी बताया कि, 'स्थिरता को केंद्र में रखते हुए, इस सुविधा को शुद्ध-शून्य कार्बन टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें निष्क्रिय डिजाइन रणनीतियां, कम-ऊर्जा, ऊर्जा-कुशल ग्लेजिंग और ऑन-साइट नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियां शामिल हैं ताकि इसके कार्बन पदचिह्न को उल्लेखनीय रूप से कम किया जा सके। इस नए अवतार के साथ ही बागडोगरा हवाई अड्डा भारत के अग्रणी क्षेत्रीय हवाई अड्डों में से एक बन जाएगा, जो यह प्रदर्शित करेगा कि कैसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा भारत के जलवायु लक्ष्यों और हरित भवन मानकों के अनुरूप हो सकता है। यह परियोजना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा कम सेवा प्राप्त लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विमानन बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा का भौगोलिक महत्व इसे नागरिक और पर्यटन-आधारित यात्रा दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण विमानन और रसद केंद्र बनाता है।'

एक नजर में परियोजना

प्रकार: अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

परियोजना का नाम: बागडोगरा में नए सिविल एन्क्लेव का विकास

स्थान: बागडोगरा, पश्चिम बंगाल

स्थल क्षेत्रफल : 4,23,827.65 वर्ग मीटर/ 4.5 मिलियन वर्ग फुट

निर्मित क्षेत्रफल : 1,28,249.0 वर्ग मीटर/ 1380460.74 वर्ग फुट

पूर्णता तिथि : जारी

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