फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मामले में फिर हुई गिरफ्तारी

11 जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र, कुछ आधार कार्ड व कुछ वोटर कार्ड बरामद
फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मामले में फिर हुई गिरफ्तारी
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सिलीगुड़ी ः जन्म व मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। नई परतें खुल रही हैं। ताजा मामला बागडोगरा का है। वहां के पूंटीमारी इलाके से ललन कुमार ओझा (35 वर्ष), पिता मिथिलेश ओझा को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही उसके घर से 11 जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र, कुछ आधार कार्ड और कुछ वोटर कार्ड भी बरामद हुए हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस अंतर्गत बागडोगरा थाना व डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) की टीम ने कार्रवाई करते हुए यह सफलता हासिल की है।

पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपित ने कबूल किया है कि वह और उसके साथी खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी के अस्पतालों से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करने में शामिल हैं। इतना ही नहीं रुपये के एवज फर्जी जन्म प्रमाण पत्र की मदद से वे लोग आधार कार्ड, वोटर कार्ड व पासपोर्ट तक बनवा देते थे। पुलिस मामले की गहन पड़ताल में जुट गई है।

उल्लेखनीय है कि फर्जी जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में ही बीते 25 अक्टूबर को मुख्य आरोपित पार्थ साहा की गिरफ्तारी हुई थी। वह खोरीबाड़ी ग्रामीण अस्पताल में डाटा एंट्री ऑपरेटर था। खोरीबाड़ी ब्लॉक के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर हेल्थ (बीएमओएच) द्वारा गत 17 अक्टूबर को खोरीबाड़ी थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद से ही वह फरार था। वह यहां से भाग कर नेपाल के भद्रपुर चला गया था। वहां से बिहार जाने के क्रम में बीते शुक्रवार की रात उसे खोरीबाड़ी के डांगूजोत इलाके से खोरीबाड़ी थाना की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। अभी वह पुलिस रिमांड पर है। पुलिस उससे गहन पूछताछ में जुटी हुई है।

बताया जाता है कि पार्थ साहा की मां स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता है। इसे लेकर इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। पार्थ साहा पर पुरानी तिथियों के अब तक 450 फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण बनाए जाने एवं उनमें प्रत्येक के लिए 10,000 रुपये लिए जाने का आरोप है। उसके ही सहयोगी नक्सलबाड़ी बीडीओ कार्यालय परिसर में बांग्ला सहायता केंद्र (बीएसके) के ऑपरेटर नवजीत गुहा नियोगी ने पूछातछ में पुलिस के समक्ष इसका खुलासा किया था जिसे गत 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। वह भी अभी पुलिस रिमांड में ही है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में नवजीत ने स्वीकार किया कि इस धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपित पार्थ साहा को फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में वह सहायता करता था। नवजीत के मुताबिक, पार्थ ने लगभग 450 फर्जी प्रमाण पत्र बनाए। नवजीत ने पार्थ को 10,000 रुपये प्रति प्रमाण पत्र के हिसाब से रुपये दिए।- राज्य लोक

फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले को लेकर सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) व जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, दार्जिलिंग के समक्ष आरटीआई आवेदन दाखिल किया है। इसके द्वारा यह मांग की गई है कि, दार्जिलिंग जिला के सिलीगुड़ी महकमा अंतर्गत खोरीबाड़ी प्रखंड के विभिन्न अस्पतालों और ग्राम पंचायत कार्यालयों से जुलाई 2025 से अब तक जारी सभी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों का पूर्ण विवरण प्रदान किया जाए। जिन-जिन व्यक्तियों को जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए उनके नाम, उनके माता-पिता के नाम एवं पते बताए जाएं। उन्होंने कानूनी विशेषज्ञों से राय ले कर इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर करने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि, यह देश के आंतरिक मामलों व सुरक्षा मामलों के लिए बहुत नाजुक है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष पहले ही कह चुके हैं कि, विधायक केवल राजनीतिक लाभ के लिए तृणमूल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य व सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव भी स्पष्ट कह चुके हैं कि पुलिस और प्रशासन द्वारा इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषी चाहे कोई भी हो, कार्रवाई तय है। तृणमूल किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों का समर्थन नहीं करती।

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